शिमला 01 अक्टूबर 2025 (RHNN) : हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग ने रोहड़ू उपमंडल के चिड़गांव गांव लिम्ब्डा में 12 वर्षीय बालक की मौत के मामले पर कड़ा संज्ञान लिया है। आयोग ने पुलिस विभाग को इस घटना की विस्तृत रिपोर्ट तीन दिनों के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। यह निर्णय आयोग की बैठक में लिया गया, जो शिमला स्थित विल्लिज पार्क में विभिन्न अनुसूचित जाति संगठनों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में आयोजित हुई। आयोग के अध्यक्ष कुलदीप कुमार धीमान ने कहा कि पुलिस द्वारा प्रारंभिक चरण में ही मामला एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज होना चाहिए था। उन्होंने बताया कि अधिनियम के तहत मामला दर्ज न होने के कारण आरोपी को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई, जो अत्यंत गंभीर और चिंतनीय है। अध्यक्ष ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी और पीड़ित परिवार को विधिक प्रावधानों के अनुसार मुआवजा उपलब्ध कराया जाएगा।
उन्होंने पुलिस को अन्य संलिप्त व्यक्तियों की गहन जांच करने तथा पीड़ित परिवार को सुरक्षा उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। आयोग के सदस्यों विजय डोगरा और दिग्विजय मल्होत्रा ने भी कहा कि दोषियों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों। बैठक में डीआईजी (कानून एवं व्यवस्था) रंजना चौहान ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और डीएसपी रोहड़ू जांच कर रहे हैं। एक महिला को नामजद किया गया है और अन्य आरोपियों की पहचान जांच के आधार पर की जा रही है। बैठक में बाबा साहेब अम्बेडकर सोसाइटी, सफाई कर्मचारी संगठन, पार्षदों और अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। अध्यक्ष धीमान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्वयं मामले पर संज्ञान लिया है और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। आयोग ने प्रदेशभर में ऐसे मामलों की सतत निगरानी की बात भी दोहराई और नागरिकों से अपनी शिकायत सीधे hpstatecommisionforsc@gmail.com पर दर्ज कराने का आग्रह किया। इस बैठक से पहले आयोग ने पुलिस महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी चर्चा कर निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने को कहा था।