शिमला-19 जून (rhnn) :राजधानी शिमला में लोग अक्सर सड़कों पर जाम से जूझते नजर आते हैं। टूरिस्ट सीजन में हालात बेकाबू हो जाते हैं। गर्मियों के मौसम में बड़ी संख्या में राजधानी शिमला का दीदार करने के लिए पर्यटक पहुंचते हैं। शिमला की संकरी सड़कों पर ट्रैफिक प्रबंधन करना सबसे बड़ी चुनौतीपूर्ण कार्य है। ट्रैफिक व्यवस्था को ठीक करने के लिए ‘वन मिनट ट्रैफिक प्लान’ One Minutes Traffic Plan लागू किया गया है, ताकि लोगों के समय की बचत हो सके। इन दिनों शिमला की मुख्य सड़कों पर हर 100 मीटर की दूरी पर पुलिस के जवान तैनात देखे जा सकते हैं, लेकिन फिर भी जाम,,, आम हो रहा है। शिमला ट्रैफिक पुसिल के प्लान को लेकर लोगों की ओर से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ लोग पुलिस के इस ट्रैफिक प्लान को सही बता रहे हैं, तो कुछ लोगों कहना है कि कुछ देर ट्रैफिक रोकना समस्या का समाधान नहीं है।
हमने जब जाम की समस्या की छानबीन की तो कुछ तथ्य सामने निकल कर आए :
*एक मिनट tariffic प्लान की धज्जियां उड़ाते VIP लोग, रसूखदार व सरकारी उच्च अधाकारी लाइन से बाहर निकल कर जाम लगते है,, VIP लोगो के समय की कद्र आम जनता समझती है पर ये VIP लोग आम जनता के समय की कद्र कब समझेंगे ,,, फिर गलती पुलिस की कैसे?
*सर्कुलर रोड पर होटल मालिकों/टूरिस्ट एजेंटो द्वारा चंद पैसों की खातिर unauthorized ढंग से गाडियां सड़को पर पार्क कराई जाती हैं,,,, फिर गलती पुलिस की कैसे?
*जनता के पास पार्किंग सर्टिफिकेट होने के बावजूद गाड़ियों को सड़को पर पार्क किया जाता है,,,, फिर गलती पुलिस की कैसे?
*येलो लाइन होने के बाद भी लोगो द्वारा सड़को के दोनो तरफ गाड़ियों को पार्क किया जाता है,,, फिर गलती पुलिस की कैसे
*प्राइवेट स्कूलो द्वारा बच्चों की सुविधा के लिए बसों को किराये पर तो लिया गया है पर उनको पार्क करने की जगह … सड़कों पर है …… फिर गलती पुलिस की कैसे?
हमारा मानना है कि पुलिस तो अपना काम बखूबी कर रही है ….और उनकी जितनी तारीफ की जाए कम है … पर हम लोग कब अपनी ज़िमेदारी समझेंगे ? शिमला शहर को स्मार्ट तो बनाया जा रहा है ,,,, पर जनता कब और कैसे स्मार्ट बनेगी…. ये पता नहीं… धन्य है स्मार्ट सिटी के स्मार्ट लोग ।।।