शिमला 27 सितंबर 2025 (RHNN) : हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शनिवार को स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने छात्रों की मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद (ईसी) बैठक के दौरान एसएफआई कार्यकर्ताओं ने ईसी सदस्यों को ज्ञापन सौंपा और शिमला शहरी विधायक हरीश जनारथा का घेराव किया। इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। आरोप है कि पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें तीन छात्र घायल हो गए।
एसएफआई कैंपस सह सचिव आशीष ने कहा कि 2013 से प्रदेश में छात्र संघ चुनाव बंद हैं, जिससे छात्र राजनीति पर नकारात्मक असर पड़ा है। उन्होंने मांग की कि शीघ्र प्रत्यक्ष छात्र संघ चुनाव बहाल किए जाएं ताकि छात्र अपनी समस्याओं को सही मंच पर उठा सकें। जिला शिमला अध्यक्ष विवेक नेहरा ने कहा कि 2019 में संविधान संशोधन के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को 10 प्रतिशत आरक्षण मिला, लेकिन विश्वविद्यालय इसे लागू करने में नाकाम रहा है। वहीं हॉस्टल की समस्या उठाते हुए एसएफआई नेताओं ने कहा कि करीब 4000 छात्रों में केवल 1200 को ही छात्रावास की सुविधा मिल पाती है। उन्होंने नए छात्रावासों के निर्माण की मांग रखी।
एसएफआई अध्यक्ष योगी ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में 70 प्रतिशत शिक्षक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्त हुए हैं और राजनीतिक गतिविधियों में शामिल रहते हैं। उन्होंने इसकी न्यायिक जांच की मांग की। साथ ही, एनईपी 2020 को जनविरोधी बताते हुए कहा कि इसके माध्यम से शिक्षा का निजीकरण और भगवाकरण किया जा रहा है। इसके अलावा एसएफआई ने गैर-शिक्षक कर्मचारियों की भर्ती में देरी, छात्रावास आवंटन में मनमानी और छात्रों से करोड़ों रुपये वसूलने जैसे मुद्दे उठाए। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि जल्द छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो विश्वविद्यालय स्तर पर बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।