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पेयजल प्रोजेक्ट को झटका, योजना पर विश्व बैंक ने जताई आपत्ति

शिमला-22 अप्रैल (rhnn) : शिमला वासियों को 24 घंटे पेयजल सुविधा देने के प्रोजेक्ट को एक और झटका लगा है। विश्व बैंक ने कंपनी की टेंडर प्रक्रिया पर आपत्ति जता दी है। साथ ही कंपनी को इस प्रोजेक्ट के टेंडर में तुरंत बदलाव करने को कहा है। ऐसा न करने पर प्रोजेक्ट का पैसा रोका जा सकता है। पेयजल कंपनी ने बीते महीने करीब 450 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट का दूसरी बार टेंडर कॉल किया था। पहला टेंडर साल 2021 में कॉल किया था लेकिन इसकी शर्तों पर बैंक ने आपत्ति जताई थी जिसके बाद इसे रद्द कर दिया गया।कंपनी का दावा है कि दूसरी बार किया गया टेंडर विश्व बैंक की शर्तों के अनुसार किया गया। बैंक के साथ हुई बैठक के बाद इस टेंडर को दो भागों में बांटा गया। इसमें मुख्य लाइनें बिछाने और वितरण की पेयजल लाइनें बिछाने का काम अलग किया गया। अप्रैल के पहले हफ्ते में यह टेंडर खुलना था लेकिन बैंक ने फिर इस पर आपत्ति जता दी। इसे लेकर बैंक के साथ फिर वर्चुअल बैठक की गई है। इसमें बैंक की शर्त है कि पूरा टेंडर एक ही भाग में कॉल किया जाए। ऐसे में अब पूरा टेंडर एक ही भाग में आमंत्रित किया जा रहा है। पांच मई तक इस टेंडर के लिए अब आवेदन किया जा सकता है।

विश्वबैंक की इस योजना के अनुसार सतलुज का पानी शिमला पहुंचाया जाएगा। सुन्नी के शकरोड़ी से रोजाना 66 एमएलडी पानी शिमला पहुंचेगा जिससे शहर में 24 घंटे पानी मिलने लगेगा। यह पूरा प्रोजेक्ट करीब 1800 करोड़ का है। इसमें सीवरेज नेटवर्क बिछाने का काम भी शामिल है। इस प्रोजेक्ट को 280 करोड़ रुपये की पहली किस्त साल 2018 में मिल चुकी है। इसके बाद से विश्वबैंक की ओर से कोई पैसा जारी नहीं हुआ है।

इसके अलावा जो पैसा आया है, उससे पहले चरण में सतलुज से शिमला तक पेयजल लाइनें बिछाने, पंपिंग स्टेशन और टैंक बनाने जैसे काम चल रहे हैं। दूसरे चरण में शहर में 24 घंटे पानी देने के लिए नई लाइनें बिछानी है लेकिन इसका टेंडर ही सिरे नहीं चढ़ पा रहा है। जनवरी 2020 में पूर्व भाजपा सरकार के समय इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास रखा गया था। 2022 के अंत तक इसे पूरा किया जाना था। लेकिन हाल ये है कि बैंक की ओर से टेंडर शर्तों में हो रहे बदलाव से अभी दूसरे चरण के काम का टेंडर ही अवार्ड नहीं हो पा रहा।

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