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विधायकों की पेंशन को लेकर विधेयक में संशोधन की तैयारी

शिमला-26 अगस्त (rhnn) : संविधान के तहत यदि एक दिन के लिए भी कोई विधायक बन जाता है तो पेंशन का हकदार हो जाता है लेकिन हिमाचल प्रदेश में पूर्व विधायकों के लिए पेंशन को लेकर संशोधन विधेयक लाए जाने की तैयारी है। यदि ये बिल विधानसभा में पेश होकर पारित होता है तो पहली बार विधायक बनकर आए चैतन्य शर्मा व देवेंद्र कुमार भुट्टो को बड़ा नुकसान होगा। ये दोनों अब विधायक नहीं हैं। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद इन्हें कांग्रेस ने निष्कासित कर दिया था। बाद में देवेंद्र भुट्टो व चैतन्य शर्मा उपचुनाव हार गए।

दरअसल, हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन में सरकार की तरफ से पूर्व विधायकों की पेंशन को लेकर एक संशोधन विधेयक लाया जाना प्रस्तावित है.इसमें एक संशोधन कर ये सुनिश्चित किया जाएगा कि कम से कम एक साल विधायक के तौर पर कार्यकाल की अवधि हो। वहीं, देवेंद्र भुट्टो व चैतन्य शर्मा इस संशोधन विधेयक के पास होने के बाद सबसे अधिक घाटे में रहेंगे। उन्हें पेंशन नहीं मिलेगी। वहीं, सुधीर शर्मा, आशीष शर्मा व इंद्रदत्त लखनपाल चुनाव जीत गए हैं.बाकी होशियार सिंह, केएल ठाकुर को भी एक टर्म की पेंशन का नुकसान होगा। साधारण शब्दों में कहें तो कांग्रेस से निष्कासित 6 विधायकों और तीन निर्दलीयों की एक टर्म की पेंशन पर खतरा है। इनमें से चैतन्य शर्मा व देवेंद्र भुट्टो चूंकि पहली बार विधायक बने थे, लिहाजा वे पेंशन के हक से वंचित हो जाएंगे. यदि विधेयक पास हो गया तो चैतन्य शर्मा ने गगरेट से चुनाव लड़ा था और देवेंद्र भुट्टो ने कुटलैहड़ से वे दोनों पहली बार विधायक बने थे, लेकिन राज्यसभा चुनाव वाले पचड़े के कारण बाद में हुए उपचुनाव में वे हार गए थे।

एक बार विधायक बनने के बाद 90 हजार रुपये से अधिक मासिक पेंशन तय हो जाती है। पूर्व विधायकों को 90 हजार रुपये से अधिक पेंशन मिलती है। राज्यसभा चुनाव के बाद अयोग्य करार हुए कांग्रेस के छह विधायकों का वेतन भी बंद कर दिया गया था। उनमें से सुधीर शर्मा व इंद्र दत्त लखनपाल जीत कर आ गए हैं तो उनका वेतन बहाल हो गया। वर्ष 2022 से शुरू हुए नए कार्यकाल की पेंशन 93 हजार रुपये के करीब बनती है। इसमें से 36 हजार बेसिक व 159 प्रतिशत महंगाई भत्ता जुड़ता है। ये कुल मिलाकर 93 हजार रुपये के करीब बनती है। ऐसे में विधेयक पारित होने के बाद देवेंद्र भुट्टो व चैतन्य शर्मा को पेंशन न मिलने से 93 हजार रुपये का नुकसान हो सकता है।

पूर्व विधायक पेंशन संशोधन विधेयक में हिमाचल सरकार की ओर से 2022 में चुनाव जीते 9 सदस्यों के कम से कम एक साल के कार्यकाल को अवैध घोषित करना प्रस्तावित है। इन सदस्यों के कार्यकाल को अवैध घोषित करने को लेकर सुक्खू कैबिनेट में चर्चा हो चुकी है और मंगलवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में अगर ये विधेयक पास होता है तो पूर्व में निष्कासित हुए कांग्रेस के 6 विधायकों व तीन निर्दलीय विधायकों की एक टर्म की पेंशन ऑटोमेटिकली खत्म हो जाएगी।

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