शिमला-17 अप्रैल (rhnn) : हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जोगिंद्रनगर स्थित शानन बिजली प्रोजेक्ट अंग्रेजों के समय 1925 में स्थापित किया गया था। यह प्रोजेक्ट 110 मेगावाट का है और इस पर पूर्ण रूप से हिमाचल प्रदेश का हक है। यह बात भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कही।
शांता कुमार ने कहा कि 1966 में पंजाब के गठन के कानून में 2 महत्वपूर्ण धाराएं थी। एक धारा में कहा गया था कि पुणर्गठन के बाद सांझे पंजाब की संपत्ति जिस नए प्रदेश में होगी, उस पर उसी प्रदेश का अधिकार होगा। इसलिए 1966 में ही यह प्रोजेक्ट हिमाचल को मिल जाना चाहिए था। पंजाब के पुणर्गठन में एक और धारा के अंतर्गत नया प्रदेश जब अपना नया बिजली बोर्ड बना ले तो पंजाब की बिजली नए प्रदेश को मिलेगी। उन्होंने कहा कि 1971 में बिजली बोर्ड का गठन कर लिया गया, लेकिन हिमाचल को बिजली नहीं मिल सकी। हिमाचल के साथ हमेशा अन्याय होता आ रहा है।
शांता कुमार ने कहा कि जब वे 1978 में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई से इस मुद्दे पर बात की थी, जिसके बाद उन्होंने तीनों प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बैठक की थी। उस समय उन्होंने प्रकाश सिंह बादल और देवी लाल के सामने हिमाचल के साथ हो रहे अन्याय के बारे में प्रधानमंत्री को अवगत कराया था। उन्होंने कहा कि लोकसभा में कानून बनाने के बाद भी हिमाचल के साथ 56 वर्षों से अन्याय होता आ रहा है। 1925 में अंग्रेजों ने 99 वर्ष की लीज मंडी रियासत के साथ की थी, जो अगले साल 2024 में समाप्त हो रही है।
शांता कुमार ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से आग्रह किया है कि वे विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर को साथ लेकर दिल्ली जाएं और प्रधानमंत्री से मिलकर उनको स्थिति के बारे में अवगत कराएं। उन्होंने BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से आग्रह किया है कि वे भी इस बारे में प्रधानमंत्री को अवगत कराएं। हिमाचल के साथ हो रहे अन्याय को सहन नहीं करना चाहिए।