शिमला-15 जून (rhnn) : हिमाचल प्रदेश राज्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद् (हिमकॉस्ट), शिमला द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM), भारत सरकार तथा हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HPSDMA) के सहयोग से 3 दिवसीय कार्यशाला श्पारंपरिक आवास निर्माण प्रक्रियाओं को आधुनिक तकनीकियों के साथ जोड़करश् (Blending Traditional Housing Construction Practices with Modern Technology) विषय पर 13-15 जून, 2023 को मशोबरा, समेटी हॉल में आयोजित की गई, जिसमें राज्य सरकार के विभिन्न विभागों (लोकनिर्माण, पर्यटन, हिमुडा, नगर एवं योजना, शहरी विकास, पंचायती राज इत्यादि के 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस कार्यशाल का उद्देशय पुरानी भवन/आवास निर्माण तकनीकी को आधुनिक तकनीकी के सांमजस्य से भूकम्प अवरोधी निर्माण तथा ज्ञान को साँझा करना था। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन 13 जून, 2023 को हिमाचल प्रदेश सरकार के श्री सतपाल धीमान, अतिरिक्त सचिव (पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) द्वारा किया गया। श्री धीमान ने बताया कि हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य में पुरातन तकनीकियों का आधुनिक तकनीकियों से आवास/भवन निर्माण का आपसी सामंजस्य भूकम्प अवरोधी निर्माण में काफी सहायक होगा, विशेषकर पारम्परिक काठ-कुनी भूकम्प अवरोधी तकनीक लाभप्रद है।
इस 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में श्री एस0 के0 नेगी, प्रमुख वैज्ञानिक, सी०एस०आई०आर-सी०बी०आर०आई (CSIR-CBRI Roorkee), श्री के० सी० नांटा, स्टेट टाउन प्लानर, हि0प्र0, डॉ आमीर खान, एसोसिएट प्रोफेसर, एन०आई०डी०एम (NIDM, Delhi), डॉ. अजय चैरसिया, मुख्य वैज्ञानिक, सी०बी०आर०आई० रूड़की, उत्तराखंड (CBRI Roorkee, Uttrakhand), डॉ एस0 एस0 रंधावा, प्रमुख वैज्ञानकि अधिकारी, हिमकॉस्ट तथा श्री नितिन शर्मा, एच०पी०एस०डी०एम०ए० (HPSDMA), मुख्य वक्ता थे।
इस कार्यशाला का समापन 15 जून, 2023 को मुख्य अतिथि श्री प्रवीन कुमार टाक, संयुक्त सचिव (GAD) हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा किया गया। उन्होंने अपने भाषण में प्रतिभागियों को इस ज्ञान को अपने-अपने विभागों द्वारा जन कल्याण के लिए उपयोग में लाने तथा राज्य के आपदा प्रबंधन प्लान को अपडेट करने के बारे में जोर डाला ताकि प्रदेश में भूकम्प अवरोधी कंस्ट्रक्शन/निर्माण को बढ़ावा मिले और प्रदेश विभिन्न आपदाओं के दुष्प्रभावों से कम से कम प्रभावित हो।