मंडी/शिमला-05 अगस्त (rhnn) : मंडी के धर्मपुर में पीडब्ल्यूडी अधिशाषी अभियंता ने ठेकेदार के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज करवाया है। पुलिस में दर्ज करवाई गई शिकायत में अधिशाषी अभियंता विवेक शर्मा ने आरोप लगाया कि अधिशाषी अभियंता पीडब्ल्यूडी धर्मपुर के जाली हस्ताक्षर करवा कर 6.88 लाख रुपए की एफडीआर अपने खाते में जमा करवा ली। ठेकेदार पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह का दामाद बताया जा रहा है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ठेकेदार संजीव भंडारी द्वारा कथित तौर पर लोक निर्माण विभाग धर्मपुर के अधिशाषी अभियंता का फर्जी पत्र बनाकर बैंक में जमा करवाई गई करीब 7 लाख रुपए की एफडीआर अपने खाते में जमा करवाने और उसे कैश करवाने के फर्जीवाड़े को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है। संजीव भंडारी ने धर्मपुर लोक निर्माण विभाग में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों को लेकर 2017 से 2022 तक 6,88,684 रुपए की एफडीआर बतौर सिक्योरिटी जमा करवाई थी। लोक निर्माण विभाग ने ये सभी एफडीआर जोगिंद्रनगर स्थित एसबीआई में जमा करवा दी थीं। इसी बीच बैंक में धर्मपुर लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन अधिशासी अभियंता का हस्ताक्षरित पत्र पहुंचा। इसके बाद बैंक ने सातों एफडीआर ठेकेदार संजीव भंडारी के खाते में डाल दीं। पैसा खाते में आते ही भंडारी ने यह पैसा निकाल भी लिया। इसी बीच हाईकोर्ट ने 24 जून को धर्मपुर डिवीजन में ठेकेदार के सभी कार्यों की पेमैंट रोकने के आदेश जारी कर दिए थे। इस पर कार्रवाई करते हुए हाल ही में पदभार संभालने वाले अधिशासी अभियंता ने जोगिंद्रनगर स्थित एसबीआई को ठेकेदार संजीव भंडारी के तमाम एफडीआर सरकार के खाते में जमा करने को लिखा गया। तब बैंक ने जवाब दिया कि तमाम एफडीआर अधिशासी अभियंता के लैटर मिलने बाद ही ठेकेदार को दी जा चुकी हैं और बैंक के पास कोई एफडीआर बकाया नहीं है। उसके बाद ही अधिशासी अभियंता को इस धोखाधड़ी का पता चला तो उन्होंने ठेकेदार संजीव भंडारी के खिलाफ पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज करवाई। डीएसपी कुलदीप धीमान ने बताया कि ठेकेदार संजीव भंडारी के विरुद्ध अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग द्वारा दर्ज करवाई गई धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कर ली गई है।