शिमला-18 मई (rhnn) : प्रदेश हाईकोर्ट ने रोहड़ू सिविल अस्पताल में नर्सों और फार्मासिस्ट के खाली पड़े पदों के कारण लोगों को हो रही असुविधाओं पर स्वत संज्ञान लिया है। कोर्ट ने मुख्य सचिव सहित स्वास्थ्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 25 मई को निर्धारित की है। हाई कोर्ट ने संज्ञान लेने के पश्चात स्वास्थ्य निदेशक और बीएमओ रोहड़ू को भी प्रतिवादी बनाया है।
रोहड़ू में मरहम पट्टी के लिए भटक रहे मरीज शीर्षक से छपी खबर में बताया गया है कि सिविल अस्पताल रोहड़ू में पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी के कारण मरीज मरहम पट्टी के लिए भटक रहे है। बताया गया है कि अस्पताल में हर दिन 400 से 500 ओपीडी होती है और मरीजों को मरहम पट्टी की जरूरत रहती है। अस्पताल में अभी नर्सों के 31 पदों में से 17 पद खाली चल रहे है। इसी तरह फार्मासिस्ट के नौ पदों में से 6 पद खाली पड़े हैं। खबर में बताया गया है कि यदि कोई पैरा मेडिकल स्टाफ कार्य दिवस के दौरान छुट्टी पर जाता है तो चिकित्सकों को खुद ही मरहम पट्टी करनी पड़ती है। अस्पताल में इन पदों को भरने के लिए कई बार गुहार लगाई गई है लेकिन, अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने इन पदों को भरने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाए है।