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सरकार ने बाढ़ प्रभावितों के लिए मुंदी आंखें : सुरेंद्र शौरी

कुल्लू/शिमला-13 जुलाई (rhnn) : हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश ने कुल्लू और मंडी जिला में तबाही मचाई है। जिसका घाव भरने के लिए प्रदेश की सुक्खू सरकार घटनास्थल का दौरा कर लोगों को राहत पहुंचाने का काम कर रही है। लेकिन कुल्लू के सैंज घाटी का ऐसा क्षेत्र भी है जहां बारिश ने तबाही मचाई पर उसकी प्रशासन को कानोंकान खबर तक नहीं पहुंची। बाढ़ ने लोगों के घर से लेकर दुकानें छीनी पर इस घटना पर न तो सरकार की न आंख खुल पाई और न ही चीखती पुकारती लोगों की आवाजें सुनाई दीं। हालांकि सैंज के मुख्य बाजार तक एक दिन पहले ही सरकार खुद पहुंची थी लेकिन सैंज बाजार से चंद किलोमीटर दूर आई आपदा में नियुली, बेकर, शाकटी और कारटाह गांव में करीब एक दर्जन से ज्यादा मकान बाढ़ की चपेट में आ गए लेकिन सरकार को इस घटना की कोई खबर नहीं लगी।

विधायक सुरेंद्र शौरी ने आज अपना प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के बाद कुल्लू प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता करते हुए वहां की सही जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा ने कुल्लू जिला के विभिन्न क्षेत्रों में जगह जगह नुकसान पहुंचाया है।उसी तरह से सैंज के नियुली में 16 दुकानें व एक पुल बह गया है वहीं अन्य छह पुल भी बहे हैं। यही नहीं अन्य मकान व दुकानें भी क्षतिग्रस्त है। इसके अलावा सैंज का बेकर गांव जहां पांच मकान थे पूरी तरह तबाह हो गया है। इसके अलावा विधायक ने बताया कि लोयर शाकटी में 10 मकान बहे हैं। गदी बनेहणी में एक मकान वह गया है। सपागनी में 2 मकान व एक मंदिर वह गया है। लेकिन इस घटना की जानकारी न तो स्थानीय प्रशासन को मिली और न ही सरकार को। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों से मिलने सरकारी अमले का एक भी अधिकारी व कर्मचारी नहीं पहुंचा जो बेहद दुखद है। इस घटना पर भी अगर सरकार संज्ञान लेती तो प्रभावितों को आर्थिक मदद प्रदान करती। उन्होंने इस घटना पर सरकार के रवैये की कड़ी निंदा की है साथ ही इस मामले को सीएम के समक्ष उठाने की बात कही है।

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