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पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग के 167 जेई होंगे टर्मिनेट

शिमला-19 अक्टूबर (rhnn) : हिमाचल में पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग को मर्ज करने की मांग को लेकर तीन सप्ताह से हड़ताल पर चल रहे कनिष्ठ अभियंताओं (JE) को सरकार ने टर्मिनेट करने के निर्देश दिए हैं। इस बाबत विभाग के डायरेक्टर ऋग्वेद ठाकुर ने गुरुवार को आदेश जारी किए हैं। इस बारे में सभी जिलों के एडीसी को पत्र जारी किाय गया है। पत्र में कहा गया है कि 18 अक्टूबर तक काम पर लौटने का नोटिस मिलने के बाद भी चूंकि ये नहीं माने, इसलिए इन कर्मियों को हटाकर उनकी जगह आउटसोर्स पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाए। बताया जाता है कि विभाग के इस आदेश के बाद कई एडीसी असमंजस में पड़ गए है। उन्होंने स्पष्टीकरण मांगा है कि टर्मिनेशन प्रोसेस कैसे शुरू करना है। हड़ताली कर्मचारियों को पहले निलंबित करना है या सीधा टर्मिनेशन प्रोसेस शुरू करना है। इनक्वायरी अफसर किसे बनाएं और चार्जशीट कैसे बनानी है। दरअसल जिला परिषद कर्मचारी पंचायती राज विभाग के तहत नहीं आते हैं। जिला परिषद काडर के सीईओ जिला एडीसी हैं।विभाग की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि बर्खास्तगी के बाद एक बार जब जेई के पद खाली हो जाएंगे, तो नए जेई को आउटसोर्स किया जाए। नए जेई को आउटसोर्स करने के लिए राज्य इलेक्ट्रिॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन से प्रस्ताव भेजने को कहा गया है। विभाग की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि जिला परिषद के जेई के हड़ताल पर जाने से मनरेगा व अन्य काम काफी ज्यादा प्रभावित हो रहे है। ऐसे में इन्हें 18 अक्टूबर तक काम पर वापिस आने का नोटिस दिया गया था।
सरकार के इस फरमान के खिलाफ जिला परिषद कर्मचारी कोर्ट का रुख कर सकते हैं। जिला परिषद कैडर के कर्मचारी पंचायती राज विभाग के तहत नहीं आते। बर्खास्तगी का आदेश पंचायती राज विभाग का है। ऐसे में इस मामले में कानूनी पेंच फंस सकता है। फिलहाल हड़ताल पर बैठे जिला परिषद काडर के कर्मचारियों में जेई के अलावा पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक और अन्य श्रेणियों के कर्मचारी भी शामिल हैं। कर्मचारियों का कहना है कि अगर हिमाचल सरकार मर्जर की समयावधि तय कर दे तो वे हड़ताल वापस ले लेंगे।

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