शिमला-30 दिसंबर (rhnn) : कारेाबारी निशांत शर्मा मामले में प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से पद से हटाने के आदेश के खिलाफ डीजीपी कुंडू ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया हैं। डीजीपी कुंडू ने प्रदेश हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल व अन्यों को पार्टी बनाया हैं। अब यह हाईप्रोफाइल मामला बेहद दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया हैं। प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति ज्योत्स्ना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने अपने 26 दिसंबर के 17 पन्नों के आदेश में यह कह कर कि संजय कुंडू के डीजीपी पद पर रहते हुए निशांत शर्मा मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती उन्हें डीजीपी के पद से हटाकर दूसरे किसी ऐसे पद पर तैनात करने के आदेश दिए थे जहां से वह जांच को प्रभावित न कर सके। उनके साथ ही एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री को भी एसपी के पद से हटाने के आदेश दिए गए थे। राव व दुआ की खंडपीठ ने यह आदेश एसपी शिमला की स्टेटस रपट में सामने आए तथ्यों के आधार पर दिए थे।
एसपी शिमला की रपट में कहा गया था कि डीजीपी कुंडू के कार्यालय से निशांत शर्मा को 15 बार मिस्ड कॉल गई। शिकायत कर्ता निशांत शर्मा के ठिकानों की निगरानी रखी गई। उनकी शिकायत पर एफआइआर दर्ज नहीं की गई । एफआइआर तब दर्ज की जब हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कुंडू निशांत शर्मा के साझेदारों जिनके साथ उसका विवाद है व जिनपर उसने अपनी जान को खतरे का संदेह जताया था,से संपर्क में हैं।
एसपी शिमला की स्टेटस रपट में इसके अलावा कई कुछ कहा गया था। हाईकोर्ट ने इन बिंदुओं का संज्ञान लेने के अलावा यह भी कहा था कि कुंडू ने निशांत शर्मा के खिलाफ छवि खराब करने को लेकर खुद एफआइआर दर्ज कराई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट इन बिंदुओं पर क्या संज्ञान लेगा यह सुनवाई के बाद ही सामने आएगा लेकिन कुंडू का सुप्रीम कोर्ट जाना दो धारी तलवार की तरह हैं। अब यह जंग न्यायपालिका और कुंडू के बीच शुरू हो गई हैं। अब देखना यह है कि कुंडू ने अपनी याचिका में किन –किन बिंदुओं को उठाया होगा । क्या वह कुछ असाधारण तथ्यों या बिंदुओं को भी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लाएंगे। हालांकि एक पद से हटा कर दूसरे पद पर भेजना कोई सजा नहीं हैं।इसके बावजूद कुंडू का सुप्रीम कोर्ट जाना मायने रखता हैं।
बता दें कि प्रदेश हाईकोर्ट ने यह मामला निशांत शर्मा की ओर से प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजी गई ईमेल पर संज्ञान लेते हुए शुरू किया था। व कई दिनों तक सुनवाई चलने व स्टेटस रपटें लेने के बाद 21 दिसंबर को इस मामले में फैसला रिजर्व कर लिया था। कुंडू 30 अप्रैल 2024 को सेवानिवृत हो रहे हैं और हाईकोर्ट में इस मामले में चार जनवरी को अगली सुनवाई हैं।