मंडी/शिमला-16 जनवरी (rhnn) : जिला मंडी तहसील करसोग के तत्तापानी में 13 जनवरी से 15 जनवरी तक तीन दिवसीय जिला स्तरीय मकर सक्रांति मेले का समापन सोमवार को हुआ। समापन कार्यक्रम में खंड विकास अधिकारी चुराग एवम सचिव मेला कमेटी तत्तापानी वैशाली शर्मा ने बतौर मुख्याथिति शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मेला कमेटी और स्थानीय जनता के सहयोग से मेले का सफल आयोजन संभव हो पाया है। आयोजन में कमियां रह जाती लेकिन कमियों को उजागर करना भी आवश्यक है जिससे की आगामी आयोजन में कमियों को दूर करने का प्रयास किया जाए। इस दौरान उन्होंने स्थानीय नौ महिला मंडलो को तीन तीन हजार देने की भी घोषणा की। इस दौरान उन्होंने मेले की विधिवत समापन किया तथा आगामी वर्ष में मेले के आयोजन में गत वर्ष में मेले के आयोजन में शेष रह गई कमियों को दूर करने का भी आश्वासन दिया। इस दौरान उन्होंने मेला कमेटी और मेले में सहयोग कर रहे सभी वालेंटियर को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति में करसोग की प्रसिद्ध लोक गायिका बिमला चौहान द्वारा प्रस्तुत पहाड़ी नाटियों में टिबली गै दायिए,मेला लगा माहूनागा,साहिबा रे गै बिबिए,हीरा लाडिये तथा बांकी शोरिए की प्रस्तुति ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया । क्षेत्र के ही एक साथ दो आवाजों में गायन के लिए प्रसिद्ध गायक मोहन गुलेरिया ने चंबा के प्रसिद्ध लोक गाथा कुंजू चंचलो गीत कपड़े धोवां नाले रोवां कुंजूवा की प्रस्तुति से दर्एशके भाव विभोर हो गए। इसके बाद उन्होंने पहाड़ी नाटियां प्रस्तुत की। उनके द्वारा प्रस्तुत हाय बाबू रेंजरा,और आपू तो चाली ने खूब तालियां बटोरी। स्थानीय गायिका लता ठाकुर द्वारा प्रस्तुत खशिया यारा और किंदा ले चली भागिरथिये की शानदार प्रस्तुती ने दर्शकों का मन मोह लिया ।
गायक कलाकार केशव ने पहाड़ी गीत पेश साहिबा री साहिबा और कांडा चूटा कुम्ब्रो रा ने दर्शकों को खूब नचाया। अन्य महिला गायिका ने रोहरु मेले के जाना नाटी पेश की। चुनू ठाकुर ने हिंदी गीत छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए और पहाड़ी नाटी ओरे दे मेरा दांकरू और धारा पांडे लगो कुपरी मामा पेश की । लोक गायिका तारा चौहान ने पहाड़ी नाटी आखी बादला,सुले तो सुले वर्षा शावना तथा लाल चिड़िया सेरी न जाना प्रस्तुत किए । गीता वर्मा ने पहाड़ी नाटी नई करदा काम घरा रा पेश की। वॉइस ऑफ हिमाचल रह चुकी तथा शिमला के कार्निवल के फर्स्ट रनर अप रहे बंसी बॉबी द्वारा दुमद्रार प्रस्तुति पेश की गई । उनके द्वारा प्रस्तुत हिंदी गाने मेरे रश्के कमल तू पहली नजर और मुस्कुराने की वजह तुम हो और पहाड़ी नाटी देशी मुंजरे की प्रस्तुति से दर्शक झूम उठे। देव बड़ेयोगी सांस्कृतिक कला मंच द्वारा सुकेती नाटी पेश की गई। नाटी की प्रस्तुति पारंपरिक बाध्य यंत्रों के साथ पेश की गई।