शिमला-13 नवंबर (rhnn) : हम सभी जानते हैं की जीवन में सफलताएं और असफलताएं दोनों ही ज़रूरी होती हैं और उन्हें स्वीकार करना एक ऐसी कला है जिसे सभी को अपनाने की आवश्यकता होती है। जीवन की आपा-धापी में, अपना आत्मविश्वास खो चुका था, बस जिंदगी कट रही थी। हमारी जिंदगी की आधी उम्र लगभग पढ़ाई और भागम भाग में ही निकल जाती है जिससे हम काफी चीज नहीं सीख पाते। हमारे मन में बस आगे बढ़ाने की होड़ लगी रहती है, और यह सब करते-करते जिंदगी बीत जाती है। वैसे तो मैं हमेशा घूमता फिरता रहता हूं, पर इस बार एक ऐसी यात्रा की जिसके बारे में आप सभी से बात करने का मन किया, क्यूंकि इस सफर से मेरा खोया आत्मविश्वाश लौट आया ।
घूमना फिरना हमारी जिंदगी में एक अलग बदलाव ला सकता है। हमें काफी चीजों के मायने पता चलते हैं, जीने का तरीका पता चलता है। हम उन बातों से रूबरू होते हैं जिसके बारे में हम सिर्फ सुनते आ रहे होते हैं। घूमने फिरने से एक बात समझ आती है की सीमा-रेखा सिर्फ नक्शों पर बनी होती है, असल जिंदगी में जमीन एक जैसी होती है, बदलता है तो सिर्फ वातावरण। हमारे मन में हमेशा डर बना रहता है कि आखिर दूसरी संस्कृति वाले लोग कैसे होते होंगे। उनसे कभी तालमेल बन पाएगा या नहीं। हमारा यह भ्रम घूमने से टूट जाएगा और हम तमाम संस्कृति के लोगों से दोस्ती कर सकते हैं और उनसे अपनी भावनाएं भी शेयर कर सकते हैं। जिंदगी को किस प्रकार बैलेंस किया जाए और किस प्रकार से आसानी से उसे चलाया जाए यह सब कुछ हम घूमने-फिरने से सीख सकते हैं। इसलिए कहा जाता है की यात्रा करना काफी अच्छा होता है यह बहुत कुछ सिखाता है । यात्रा करने से नई-नई जगह घूमने आने-जाने से आत्मविश्वास बढ़ता है, जो जिंदगी की हर कदम पर आपका साथ देता है। इससे एक आम इंसान भाग दौड़ की जिंदगी से सुकून की सांस ले सकता है ।
23 अक्टूबर 2024 को मेरे एक सहयोगी मित्र ने मुझसे पूछा कि सर घूमने चलना है क्या? ज्यादा कुछ ना सोचते हुए मैंने हामी भर दी। शाम को जब घर पहुंचा, तो मैने घर में कहा कि मुझे कुछ काम से बाहर जाना है दो-तीन दिन के लिए। मैने शाम को ही अपना सामान पैक कर दिया और सुबह एक ऐसे सफर पर चल पड़ा जिससे मेरा खोया आत्मविश्वास लौट आया। मेरे इस सफर में मेरे साथ चार सहयोगी मित्र अश्वनी, प्रवीण, जुगल, और अभिषेक थे। उनके बारे में बात करना ज़रूरी है, क्योँकि इन चारों के बिना यह सफर इतना यादगार नहीं होता।
सूचना या जानकारी से व्यक्ति को सफलता के लिए अपने परिवेश काम के विभिन्न पहलुओं की जानकारी स्थिति आदि का आभास होना बहुत जरूरी है जो आपने किसी कार्य परिणाम का अनुमान नहीं लगा सकते या उन्हें अपने काम की जानकारी नहीं होती है वह अक्सर धोखा खा जाते हैं । समाज के हर विषय में पहलू की जानकारी रखना जरूरी है ज्ञान सफलता के लिए पहला गुण है। अश्विनी दीवान चौपाल क्षेत्र से संबंध रखने वाला जिज्ञासु, खोजी, सहनशील व इनफार्मेशन से भरपूर नौजवान, जितनी तारीफ की जाए कम है। वैसे तो हम पिछले तीन-चार सालों से साथ हैं, पर तीन-चार दिन की यात्रा में इस नौजवान ने मुझे सिखाया कि जिंदगी में हमेशा कुछ ना कुछ सीखते रहना चाहिए।
किसी भी कार्य को अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने के लिए इंसान को धैर्य का साथ नहीं छोड़ना चाहिए जो लोग निरंतर अपने लक्ष्य की ओर पर आश्रत रहते हैं उन्हें एक न एक दिन सफलता जरूर मिलती है। इसलिए असफलता से विचलित नहीं होना चाहिए बल्कि जो कमी रह गई है उसे पहचान कर उस कार्य को पूरा करना शुरू करना चाहिए। ननखड़ी क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले प्रवीण भाई एक ईमानदार, आदर्श आचरण, मधुर वाणी, धैर्य और उचित अनुचित का ज्ञान रखने वाला व्यक्तित्व। इस नौजवान ने मुझे सिखाया कि कितना चुप रहना चाहिए, कितना बोलना चाहिए, कब बोलना चाहिए और कब नहीं।
हमने अक्सर लोगों को कहते सुना है कि दिमाग की खिड़कियां खुली रखो, यानी अपने आसपास के माहौल में घटित होने वाली घटनाओं के बारे में हमेशा सजग रहना जरूरी है। जुगल भाई, जिला सोलन के अर्की क्षेत्र का यह लड़का हंसमुख, जिंदगी के हर पल को इंजॉय करने वाला, बड़ों का सम्मान करने वाला व्यक्तित्व। इस लड़के को देखकर ऐसा ऐसा लगा जैसे मेरा बीता समय मेरे सामने आ गया। लोगों के साथ घुल मिलकर रहने वाला इंसान अपने दुख तकलीफ पर विजय पा सकता है इन तीन-चार दिनों में इस नौजवान लड़के ने जिंदगी के प्रति मेरा नजरिया ही बदल दिया।
किसी भी कार्य में कामयाबी के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है खुद पर भरोसा करना यदि हमको विश्वास होगा कि हम हर काम कर पाएंगे तभी हम अपने काम में सफल हो सकते हैं। अभिषेक रोलक कोटगढ़ क्षेत्र से संबंध रखने वाला सेल्फ मोटिवेटेड, टीमवर्क, बदलते माहौल में डालने की योग्यता, हंसमुख मिलनसार व्यक्तित्व। जब यह यात्रा शुरू की तो इस नौजवान का 27 वां जन्मदिन था। जिस तरह इस युवा साथी ने बिना किसी शिकायत के इस यात्रा को अंजाम दिया काबिले तारीफ है। इस युवा सहयोगी ने मुझे मेरे कॉलेज के दिनों की याद दिला दी और सिखाया कि किसी भी काम को बिना किसी शिकायत से शिद्दत के साथ करना चाहिए।
भारत की विभिन्न संस्कृति और परंपरा से रूबरू होने के लिए संपूर्ण भारत की यात्रा सभी को जरूर करनी चाहिए। इसे सही मायने में आप भारतीय इतिहास और यहां के विविधता से रूबरू हो सकेंगे और काफी कुछ जान पाएंगे। यात्रा दुनिया का सबसे बड़ा शिक्षक है। जिंदगी में जब भी आपको मौका लगे किसी ने किसी जगह घूमने के लिए जरूर जाएं आपको हमेशा ही कुछ ना कुछ नया अनुभव जरूर मिलेगा । इस यात्रा के दौरान हम कहां-कहां गए, हमारा अनुभव कैसे रहा, और सफर के दौरान क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए वह अगले लेख पर आपके साथ साझा करूँगा।