शिमला 23 अगस्त 2025 (RHNN) : हिमाचल प्रदेश तहसील कल्याण अधिकारी संघ ने सरकार द्वारा तहसील कल्याण अधिकारियों के पदों को सहायक तहसील कल्याण अधिकारी के रूप में डाउनग्रेड करने के निर्णय पर कड़ा एतराज जताया है। संघ ने इसे न सिर्फ अधिकारियों के मनोबल को तोड़ने वाला बल्कि वंचित वर्गों के साथ अन्याय करने वाला कदम बताया है। संघ का कहना है कि तहसील कल्याण अधिकारी तहसील स्तर पर कार्यालयाध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं और प्रोबेशन ऑफेंडर्स एक्ट के तहत प्रोबेशन अधिकारी की जिम्मेदारी भी निभाते हैं। साथ ही वे सामाजिक सुरक्षा पेंशन, इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि, राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना और दिव्यांग छात्रों की छात्रवृत्ति सहित राज्य व केंद्र की अनेक कल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन की अहम जिम्मेदारी संभालते हैं।
वर्तमान में प्रदेश के 71 तहसील कल्याण अधिकारी करीब 18 लाख लाभार्थियों से जुड़ी योजनाओं को संचालित कर रहे हैं। संघ ने बताया कि एक अधिकारी हर माह औसतन 5 से 10 हजार लाभार्थियों का सत्यापन, फील्ड निरीक्षण और लाभ हस्तांतरण सुनिश्चित करता है। इसके बावजूद अधिकांश कार्यालयों में स्टाफ का अभाव है और कई अधिकारियों को एक से अधिक तहसीलों का कार्यभार भी उठाना पड़ता है। संघ ने सवाल उठाया कि जब अन्य विभागों के तहसील स्तर के अधिकारियों को पर्याप्त स्टाफ और संसाधन उपलब्ध हैं, तो कल्याण अधिकारियों को बुनियादी सहयोग से भी वंचित क्यों रखा जा रहा है। “सरकार के इस निर्णय से सीधा नुकसान गरीब और जरूरतमंद वर्ग को होगा, जिनके हितों की रक्षा की जिम्मेदारी हमारे पास है,” संघ ने बयान में कहा। संघ ने सरकार से मांग की है कि वह पदों के डाउनग्रेड का निर्णय तुरंत वापस ले, तहसील कल्याण कार्यालयों में पर्याप्त स्टाफ नियुक्त करे और तहसील कल्याण अधिकारियों को अन्य तहसील स्तर के विभागाध्यक्षों के समकक्ष मान्यता प्रदान करे।