शिमला 25 अगस्त 2025 (RHNN) : इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल शिमला में नेत्र रोग विभाग की ओर से नेत्रदान पखवाड़े का शुभारंभ किया गया। इसका आगाज सोमवार को ब्लाइंड फोल्ड वॉक से हुआ। प्रिंसिपल डॉ सीता ठाकुर ने रैली को हरी झंडी दिखाई और वॉक में भाग लिया।एमबीबीएस के छात्रों ने आंखों पर पट्टी बांधकर वॉक की। ब्लाइंड फोल्ड वॉक आईजीएमसी से संजोली चौक और वापिस आईजीएमसी गेट के पास आकर पूरी हुई। वॉक के माध्यम से छात्रों ने स्थानीय लोगों को एहसास दिलाया कि आंखों में रोशनी न होने की वज़ह से सैकड़ों मरीज अंधेरे में जीने को मजबूर हैं। इसलिए हमें आगे आना चाहिए और मरने के बाद नेत्रदान का संकल्प जरूर लेना चाहिए। आईजीएमसी में मौजूदा समय में 140 मरीज नेत्र मिलने के इंतजार में हैं। लेकिन लोगों में जागरूकता की कमी होने के कारण यह इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं प्रिंसिपल डॉ सीता ठाकुर ने अपने संबोधन में बताया कि कोई भी व्यक्ति मरने के बाद नेत्रदान और अंगदान कर सकता है। ऐसे कार्यक्रम समय समय पर आयोजित होते रहने चाहिए ताकि समाज में फैली भ्रांतियां दूर हो सकें। कार्यक्रम में एडिशनल डायरेक्टर आईजीएमसी नीरज गुप्ता, नेत्र रोग विभाग के सभी विशेषज्ञ डॉक्टर सहित सोटो के नोडल अधिकारी व विभागाध्यक्ष सर्जरी डॉ पुनीत महाजन विशेष रूप से उपस्थित रहे।
नेत्रदान पखवाड़े के तहत पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता, विशेष टीवी व रेडियो शो सहित नेत्र दाताओं के परिवारों को सम्मानित करने के कार्यक्रम शामिल हैं। इसके अलावा अस्पताल के विभिन्न वार्डों, ओपीडी और आईसीयू के बाहर मरीजों व तीमारदारों को पंपलेट के जरिए नेत्रदान का संकल्प लेने के लिए जागरुक किया जाएगा। आप भी घर बैठे अपने मोबाइल फोन के जरिए मरणोपरांत नेत्रदान और अंगदान की शपथ ले सकते हैं। इसके लिए www.notto.abdm.gov.in की वेबसाइट पर जाएं और आधार नंबर या आभा आईडी से वेरिफाइड मोबाइल नंबर डालकर पंजीकरण करें। इसके बाद फॉर्म पर प्रदर्शित पूछी गई निजी जानकारी भरें और ओटीपी की सहायता से पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरा करें। इसके बाद आप नेत्रदान व अंगदान का शपथ पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।