शिमला 25 अगस्त 2025 (RHNN) : सिरमौर के जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने प्रदेश सरकार से सोलन–सनौरा–राजगढ़–नौहराधार–हरिपुरधार–रोनहाट–मीनस सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने या प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना में शामिल करने की मांग उठाई है। इसी संबंध में हाटी विकास मंच और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री हर्षवर्धन चौहान को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया कि यह ऐतिहासिक सड़क 1958 से 1962 के बीच हिमाचल प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री और राज्य निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार के नेतृत्व में जनता के श्रमदान से बनी थी। डॉ. परमार ने स्वयं इस सड़क निर्माण में श्रमदान किया था। यह सड़क आज भी सिरमौर और आसपास के पर्वतीय व जनजातीय क्षेत्रों की जीवनरेखा मानी जाती है। लेकिन निर्माण के बाद से अब तक सड़क का चौड़ीकरण और आधुनिकीकरण नहीं हो पाया है। बरसात में यहां दुर्घटनाएं आम हो जाती हैं। यह मार्ग करीब तीन लाख से अधिक ग्रामीणों और आदिवासी समाज के जीवन, शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका का मुख्य सहारा है।
संगठन ने कहा कि यह मार्ग धार्मिक व पर्यटन दृष्टि से भी बेहद अहम है। यह चूड़धार, मां भंगायणी और श्री रेणुका जी जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों को जोड़ता है। सड़क के सुधार से धार्मिक पर्यटन, स्थानीय व्यापार और कृषि को नई दिशा मिलेगी। साथ ही यह सड़क ट्रांस-गिरी क्षेत्र के अनुसूचित जनजातीय (ST) इलाकों से गुजरती है और पड़ोसी उत्तराखंड के जौनसार-बावर के लोगों को भी फायदा पहुंचाएगी।
प्रतिनिधि मंडल में हाटी विकास मंच के अध्यक्ष प्रदीप सिंह सिंगटा, महासचिव डॉ. अनिल भारद्वाज, कोषाध्यक्ष वीएन भारद्वाज, सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट रविंद्र सिंह ठाकुर, प्रवक्ता विवेक तोमर, सतपाल चौहान, रोशन शर्मा, हितेंद्र ठाकुर, अनिल ठाकुर और सोबित ठाकुर शामिल रहे। मंच ने विश्वास जताया कि प्रदेश सरकार इस मांग को जल्द केंद्र सरकार तक पहुंचाएगी।