शिमला-05 अप्रैल (RHNN) : करोडों रुपये के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में एक और संस्थान ने छात्रवृत्ति हड़पकर संपत्ति बनाई है। यह निजी शिक्षण संस्थान पंजाब का बताया जा रहा है। मनी लॉन्ड्रिंग के चलते सीबीआई की ओर से यह मामला जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय में भेजा जा रहा है। ईडी ने हाल ही में जिला ऊना के एक शिक्षण संस्थान के खिलाफ कार्रवाई कर 4.42 करोड़ रुपये की संपत्ति को अटैच किया है। अगर मामला ईडी के पास जाता है तो यह दूसरी कार्रवाई होगी।
सूत्रों का कहना है कि छात्रवृत्ति हड़पकर एक संस्थान ने शराब की फैक्टरी में पैसा लगाया है, जबकि एक ने होटल भी खरीदा है। सीबीआई हिमाचल प्रदेश समेत पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के कुल 27 निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही है। कोर्ट में 11 संस्थानों के मालिकों और कर्मचारियों के खिलाफ तीन आरोप पत्र भी दायर हो चुके हैं।सीबीआई वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2016-17 के दौरान प्रदेश में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही है। आरोप है कि शिक्षा विभाग और बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर इस बाबत साजिश रची गई है। इन निजी शिक्षण संस्थानों पर आरोप है कि यह छात्रों को छात्रवृत्ति देने के बजाय खुद हड़प लेते थे। इस पैसे का इस्तेमाल जमीन खरीद फरोख्त और भवन निर्माण में किया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अभी जिला ऊना के केसी एजूकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी पंडोगा की मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत करोड़ों की संपत्ति अटैच की है। सीबीआई ने छात्रवृत्ति घोटाले में केसी ग्रुप समेत कई संस्थानों पर मामला दर्ज किया है।