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सुक्खू की चेतावनी का इम्पैक्ट, ब्यूरोक्रेट्स तोल-मोल कर रहे बात

शिमला-11जनवरी (rhnn) : पूर्व सरकार के कार्यकाल में विपक्ष लगातार यह कहता रहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का अफसरशाही पर कोई नियंत्रण नहीं , अफसरशाही पूरी तरह बेलगाम है। पूर्व सरकार में कई सूचनाएं आधिकारिक घोषणा से पहले ही मीडिया में लीक हो जाती थीं। इसलिए  सुक्खू सरकार ने पहले ही दिन से इस मामले में सख्ती बरतनी शुरू की है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की चेतावनी का इम्पैक्ट ब्यूरोक्रेसी पर साफ नजर आ रहा है। आलम यह है कि टॉप ब्यूरोक्रेट्स भी तोल-मोल कर मीडिया से बात कर रहे हैं। जो अधिकारी मीडिया से बात कर रहे हैं, उन्हें भी हर वक्त यही डर सता रहा है कि कहीं मुख्यमंत्री को पता न चल जाए कि किस अधिकारी ने मीडिया को सूचना दी है। इस तरह का खौफ सचिवालय से लेकर नीचे विभागों में बैठे सभी अधिकारियों में देखा जा सकता है। ब्यूरोक्रेसी पर लगाम लगाने का संदेश जनता में देने के लिए यह ठीक है। मगर, सीएम के खौफ से अफसर अब जनहित की सूचनाएं भी दबाने लगे हैं, जो न सरकार के लिए और न ही जनता के लिए सही है। प्रधान सचिव, सचिव और विभागाध्यक्ष स्तर के अधिकारियों का इस तरह से मुंह सिलना अच्छा संकेत नहीं माना जा रहा है।सीएम ने मुख्य सचिव के माध्यम से सभी अधिकारियों को एक सर्कुलर जारी किया। इसमें गोपनीय सूचनाएं लीक नहीं करने की सलाह दी गई है। ऐसा करने पर कार्रवाई के लिए चेताया गया। मगर, अफसर अब मुख्य सचिव के आदेशों की आड़ में जरूरी सूचनाएं शेयर करने से कतरा रहे हैं।

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