शिमला-23 मार्च (rhnn) : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने गुरुवार को विधानसभा सदन में कहा कि हिमाचल प्रदेश अपने पड़ोसी राज्यों को सम्मान देते हुए कहना चाहता है कि प्रदेश में सरकार की ओर से वाटर सेस ऑन हाइड्रो पावर जनरेशन एक्ट 2023 को लागू किया है, जो किसी भी प्रकार की संधियों का उल्लंघन नहीं करता है। यह इंडस जल संधि के प्रावधानों का ही उल्लंघन करता है। पंजाब और हरियाणा सरकार का यह कहना कि हिमाचल सरकार का जल उपकर लगाने का फैसला अंतरराज्यीय जल विवाद अधिनियम के खिलाफ है, यह तर्कसंगत नहीं है। इसमें पड़ोसी राज्यों को छोड़े जाने वाले पानी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इस अधिनियम का कोई भी प्रावधान पड़ोरी राज्यों के जल अधिकार का उल्लंघन नहीं करता है। विद्युत उत्पादन पर जल उपकर लगाना राज्य के अधिकार क्षेत्र के तहत आता है। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी के तीन जलाशयों से प्रदेश की 45 हजार हेक्टेयर भूमि जलमग्न हो गई है। हिमाचल में इन परियोजनाओं से बने जलाशयों से राज्य पर तो कोई अधिकार प्राप्त नहीं है। बीबीएमबी की किसी भी परियोजना ने इसके लिए जरूरी कदम नहीं उठाए हैं। स्थानीय आबादी को उन्हीं के हाल पर छोड़ दिया गया है। इन जलाशयों ने न सिर्फ कृषि और बागवानी की भूमि निगली है, बल्कि यातायात के साधन भी बाधित किए हैं। पानी के स्रोत भी जलमग्न हुए हैं। धार्मिक स्थल व श्मशानघाट डूबे हैं, बल्कि 50-60 वर्ष पहले उजड़े हुए विस्थापितों का पुनर्वासन पूरी तरह नहीं हो पाया है।
पंजाब सरकार का यह कहना कि हिमाचल सरकार का यह कदम गैर कानूनी है, यह तर्कसंगत नहीं है। प्रदेश सरकार ने अपने राज्यों में स्थापित जलविदयुत परियोजनाओं से उपयोग में लाए जाने वाले जल पर उपकर लगाया है, न कि पड़ोसी राज्यों में बहने वाले पानी पर इसे लगाया गया है।हिमाचल प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य नहीं है, जिसने परियोजनाओं के उपयोग में आने वाले जल पर उपकर लगाया है। इससे पहले पड़ोसी राज्य उत्तराखंड ने 2013 और जम्मू-कश्मीर ने पहले ही वाटर सेस एक्ट लागू कर दिया है। इससे राज्य को आमदनी मिल रही है। यह कहना भी गलत है कि राज्य को अपने जल स्रोतों पर वाटर सेस लगाने का अधिकार नहीं है। सांविधानिक प्रावधान के अनुसार भी पानी राज्य का विषय है। इसके जल संसाधनों पर भी राज्य का अधिकार है। हिमाचल प्रदेश सिंधु जल संधि 1960 को मान्यता देता है। हिमाचल जल विदयुत उत्पादन अधिनियम 2023 का भी उल्लंघन नहीं करता है। जल उपकर लगाने से न तो पड़ोसी राज्यों को पानी छोड़े जाने पर कोई प्रभाव पड़ता है।