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सिनेमा केवल मनोरंजन नहीं, जागरण का सशक्त माध्यम : डॉ. द्विवेदी

शिमला 14 सितम्बर 2025 (RHNN) : हिम सिने सोसायटी शिमला के तत्वावधान में रविवार को “राष्ट्र जागरण में सिनेमा की भूमिका” विषय पर एक महत्वपूर्ण आभासी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में हिमाचल सहित विभिन्न राज्यों से जुड़े करीब 75 कलाकारों, अभिनेताओं, साहित्यकारों, रंगकर्मियों और बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। कार्यशाला के मुख्य वक्ता प्रख्यात निर्देशक, लेखक और अभिनेता डॉ. चंद्रप्रकाश द्विवेदी रहे, जो दूरदर्शन पर प्रसारित चर्चित धारावाहिक चाणक्य के निर्माता-निर्देशक रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिनेमा केवल मनोरंजन का साधन भर नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा दृश्य-श्रव्य माध्यम है, जिसके जरिए सामाजिक और राष्ट्रीय संदर्भों को प्रभावी ढंग से जन-जन तक पहुँचाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर स्वतंत्र भारत के निर्माण तक फिल्मों ने राष्ट्र निर्माण और जागरूकता में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन आज व्यावसायिकता और उद्योगवाद के दबाव में हिंदी सिनेमा कहीं न कहीं अपने राष्ट्रीय और सामाजिक दायित्वों से विमुख होता नजर आता है। उन्होंने नवोदित फिल्मकारों से आह्वान किया कि वे अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए सिनेमा को जागरण और सकारात्मक परिवर्तन का औजार बनाएं। प्रांत प्रचार प्रमुख प्रताप सिंह समयाल ने कहा कि आने वाले समय में वैचारिक स्तर पर हो रहे परिवर्तनों को सिनेमा के जरिए जनता तक पहुँचाना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में सिनेमा केवल मनोरंजन का साधन न रहकर, संस्कृति और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारियों को जन-जन तक पहुँचाने का सेतु बने। कार्यशाला का संचालन हिम सिने सोसायटी के उपाध्यक्ष संजय सूद ने किया। इस दौरान कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, चंबा, बिलासपुर, हमीरपुर, अंबाला और कांगड़ा के प्रतिभागियों ने अपने विचार रखे और डॉ. द्विवेदी से संवाद भी किया। अंत में फिल्म आयाम प्रमुख भारतीय कुठियाला ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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