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सांसद निधि खर्च नहीं कर सके हिमाचल के सांसद, MSPI की रिपोर्ट

शिमला-05 अक्टूबर (rhnn) : हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा के उभरने के लिए आर्थिक मदद के लिए तरस रहा है। ऐसे वक्त में प्रदेश के चारों लोकसभा सांसदों की सांसद निधि का केंद्र सरकार के पास 47 करोड़ रुपए अटका हुआ है। यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट (UC), ऑडिट सर्टिफिकेट (AC) और MP रिकमंडेशन (MPR) नहीं मिलने की वजह से केंद्र इस बजट को जारी नहीं कर पा रही।

केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MSPI) की रिपोर्ट के अनुसार चारों सांसदों को बैकलॉग मिलाकर 75 करोड़ रुपए मिलना है। मगर लगभग साढ़े 4 साल के कार्यकाल में प्रदेश को केवल 28 करोड़ ही मिल पाया है। इसमें भी 8.64 करोड़ रुपए अभी डीसी के पास बिना खर्च किए पड़ा है। सांसद निधि का पैसा MP की सिफारिश पर उनके निर्वाचन क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्य के लिए खर्च किया जाता है।

MSPI रिपोर्ट के अनुसार कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर की आखिरी इंस्टॉलमेंट 7 फरवरी 2022 को केंद्र ने रिलीज की। यानी एक साल आठ महीने से नई इंस्टॉलमेंट नहीं मिल पाई। कमोबेश ऐसा ही हाल हमीरपुर संसदीय क्षेत्र का भी है। हमीरपुर से सांसद व केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर की भी आखिरी इंस्टॉलमेंट 26 जुलाई 2022 को मिली। इन्हें भी एक साल दो महीने से नई नहीं मिल पाई।

मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह की आखिरी इंस्टॉलमेंट 22 दिसंबर 2022 और शिमला के सांसद सुरेश कश्यप को आखिरी किस्त 10 मार्च 2023 को मिली। जानकार बताते हैं कि सांसदों की ढिलाई तथा राज्य की ब्यूरोक्रेसी की लापरवाही से प्रदेश को सांसद निधि की समय रहते फायदा नहीं मिल पा रहा। केंद्र सरकार नया पैसा तब रिलीज करती है, जब पहले से सैंक्शन बजट खर्च हो जाए और उसके UC व AC केंद्र को जमा करा दिए जाए। इसमें राज्य की अफसरशाही के स्तर पर चूक हुई है। MSPI रिपोर्ट के अनुसार, चारों सांसदों की MPR पेंडिंग है। प्रोविजनल यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भी चारों MP के नहीं मिले। सांसद सुरेश कश्यप और प्रतिभा सिंह का ऑडिट सर्टिफिकेट (AC) भी केंद्र को नहीं मिल पाया। इससे नई किस्त नहीं मिल पाई। इन डॉक्यूमेंट के मिलने के बाद केंद्र सरकार सभी सांसदों को हर साल सांसद निधि जारी करती है।

अब सवाल उठ रहे है कि जो सांसद चार साल से ज्यादा समय में मात्र 28 करोड़ भी नहीं खर्च कर पाए, वह अगले पांच से छह महीने में जो 47 करोड़ अभी केंद्र के पास बकाया है, उसे कैसे सैंक्शन कराएंगे और कैसे खर्च कर पाएंगे। यदि यह बजट समय रहते नहीं मिल पाया तो राज्य की जनता से धोखा साबित होगा।
सांसद निधि में प्रत्येक प्रत्येक MP को हर साल पांच करोड़ मिलते है। कोरोना काल में कुछ समय के लिए सांसद निधि में कट भी लगा। बावजूद इसके पिछले बैकलॉग को मिलाकर हिमाचल को 75 करोड़ मिलना बाकी है।

MSPI रिपोर्ट के अनुसार, सांसद अनुराग ठाकुर और किशन कपूर की 2022-23 की तीन किस्तें और 2023-24 की एक किस्त पेंडिंग है। वहीं सुरेश कश्यप की 2022-23 की 2 किस्तें और 2023-24 की 1 किस्त केंद्र के पास पेंडिंग पड़ी है। इसी तरह प्रतिभा सिंह की 2022-23 की दो और 2023-24 की किस्त पेंडिंग है।MSPI आंकड़ों के मुताबिक, अनुराग ठाकुर और किशन कपूर का 10-10 करोड़, सुरेश कश्यप का 7.50 करोड़ और प्रतिभा सिंह का केंद्र के पास 19.50 करोड़ रुपए पेंडिंग है। दीगर रहे कि मंडी के पूर्व सांसद राम स्वरूप का निधन हो गया था। इस वजह से मंडी संसदीय क्षेत्र का ज्यादा बजट बताया जा रहा है। इन साढ़े चार साल के कार्यकाल में केंद्र से हमीरपुर और कांगड़ा संसदीय क्षेत्र को मात्र 7-7 करोड़ रुपए जारी किए गए। शिमला के सांसद सुरेश कश्यप ने सबसे ज्यादा 9.50 करोड़ रुपए केंद्र से लाने में कामयाब रहे, जबकि मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह सबसे कम 4.50 करोड़ रुपए ला पाई हैं। बतौर सांसद प्रतिभा सिंह का कार्यकाल भी कम है।

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