मंडी/शिमला-01 दिसंबर (rhnn) : ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली और अखिल भारतीय जन विज्ञान नेटवर्क का संयुक्त तत्त्वधान मे उतरी भारत के 8 राज्यों (हिमाचल, हरियाणा , राजस्थान, दिल्ली , पंजाब, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड) के लिए स्वास्थ्य के मुद्दों पर तकनीकी स्त्रोत केंद्र नगवाईं मंडी मे 4 दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई। अखिल भारतीय जनविज्ञान नेटवर्क ने स्वास्थ्य अधिकार को लेकर एक राष्ट्रव्यापी अभियान की योजना बनाई है, जिसके तहत अलग अलग क्षेत्रीय कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला में कार्यकर्ताओं का क्षमता विकास के साथ साथ स्वाथ्य अधिकार को लेकर एक अभियान का योजना भी बनाई जाएगी।
उद्घाटन सत्र में जन स्वास्थ्य अभियान के संयोजक प्रो इंद्रनिल ने प्रतिभागीयों का स्वागत किया तथा तकनीकी स्त्रोत केंद्र के सचिव जोगिंदर वालिया ने हिमाचल में प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा हिमाचल में स्वाथ्य अधिकार को लेकर अभियान की योजना भी बनाई जाएगी । इसके साथ सत्र को जिला बाल सनरक्षण अधिकारी एन आर ठाकुर, वरिष्ठ पत्रकार डी पी गुप्ता, अखिल भारतीय जन विज्ञा नेटवर्क के महासचिव आशा मिश्र ने सम्बोधित किया। उद्घाटन सत्र में कार्यशाला के उद्देश्य पर भी चर्चा की गयी।
इस कार्यशाला का शुभारम्भ भारत में जन स्वास्थ्य अभियान के जनक स्वर्गीय डॉ अमित सेन गुप्त की यादगार में जन स्वास्थ्य अभियान के राष्ट्रीय संयोजक डॉ अभय शुक्ला के व्याख्यान से हुई। डॉ अभय ने देश में स्वास्थ्य सेवाओं की सरकारी एवं निजी क्षेत्र में स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने श्रोताओं को इस बात पर सोचने के लिए उकसाया कि कोविड के बाद कैसे देश में अरब व खरबपतियों की संख्या में स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े निजी घरानो की भागीदारी में इजाफा हुआ? मतलब साफ है कि आज देश में स्वास्थ्य एक बहुत बड़ा व्यापार बन चुका है। जिसमे स्वास्थ्य में निजी शिक्षण संस्थानों को चलाने व दवा उद्योग चलाने मे बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। डॉ अभय ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में चलाई जा रही बीमा योजनाओं, जांच केंद्रो व प्रयोगशालाओं, निजी शिक्षण संस्थानों में प्राप्त की जा रही डिग्रियों आदि में किस प्रकार की धांधलियों पर चर्चा करते हुए सरकारी संरक्षण को जिम्मेदार ठहराया।
कार्यशाला मे प्रतिभागियों ने अपनी अपेक्षाएँ जाहिर करते हुए अनुभवों को भी सांझा किया। इस कार्यशाला में स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़े डॉक्टर, स्वास्थ्य विशेषज्ञ, पेरामेडिकल, मेडिकल छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता आदि प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। अगले चार दिन स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की जायेगी तथा सदस्यों की क्षमताओं का विकास भी किया जायेगा।