शिमला-06 सितंबर (rhnn) : शिमला के चमियाना स्थित अटल सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल में सरकार ने ओपीडी सेवाओं के संचालन को बंद कर दिया है। शुक्रवार को इस सम्बंध में सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की गई है। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक ओपीडी सेवाओं को बंद करने के लिए हाई कोर्ट के आदेशों का हवाला दिया है। ओपीडी सेवाएं तब तक बन्द करने का निर्णय लिया गया है जब तक अस्पताल के लिए जाने वाली सड़क पक्की न हो जाए तब तक सभी 10 शिफ्ट की गई ओपीडी एक बार पूर्व की तरह IGMC में ही ओपीडी सेवाएं चलेंगी।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने चमियाना स्थित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया था। न्यायालय ने अपने निर्णय के पीछे अस्पताल में आवश्यक बुनियादी ढांचे और बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी को कारण बताया। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की अगुवाई वाली खंडपीठ ने सोमवार को यह आदेश सुनाया, जिसमें अस्पताल में अपर्याप्त बुनियादी ढांचे पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। न्यायाधीशों ने राज्य सरकार की इस बात के लिए आलोचना की कि उसने अस्पताल को बुनियादी सुविधाओं के बिना संचालित करने की अनुमति दी, जिसमें एक केमिस्ट, एक उचित पक्की सड़क, स्ट्रीट लाइटिंग और एक पुलिस चौकी शामिल है। अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक अस्पताल तक जाने वाली सड़क पक्की नहीं हो जाती और वाहनों के लिए सुरक्षित नहीं हो जाती, तब तक सभी ओपीडी सेवाओं को आईजीएमसी शिमला में स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए। यह निर्णय राज्य स्वास्थ्य विभाग और लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रस्तुत स्थिति रिपोर्ट की समीक्षा के बाद लिया गया है, जिसमें अस्पताल की कमियों को रेखांकित किया गया था। रिपोर्ट में कैंटीन और पर्याप्त परिवहन सेवाओं जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं की अनुपस्थिति पर प्रकाश डाला गया था। उल्लेखनीय है कि हिमाचल सड़क परिवहन निगम (HRTC) ने वाहनों और कर्मचारियों की कमी का हवाला देते हुए अस्पताल को बस सेवा प्रदान करने से इनकार कर दिया है। अदालत विशेष रूप से अस्पताल के आसपास की सुरक्षा और पहुंच संबंधी चिंताओं से चिंतित थी। अस्पताल तक जाने वाली तीन किलोमीटर की सड़क पर स्ट्रीट लाइटिंग की कमी है, और अस्पताल के कर्मचारियों या डॉक्टरों के लिए साइट पर कोई आवास नहीं है। पुलिस चौकी की अनुपस्थिति केवल सुरक्षा चिंताओं को बढ़ाती है। इन ज्वलंत मुद्दों के जवाब में उच्च न्यायालय ने स्वास्थ्य सचिव और लोक निर्माण विभाग को 31 अक्टूबर तक एक संशोधित स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, जिसमें इन कमियों को दूर करने में हुई प्रगति का विवरण दिया गया हो।
बता दें कि अदालत के फैसले के परिणामस्वरूप, कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी और एंडोक्राइनोलॉजी सहित आठ विभागों से ओपीडी को चमियाना अस्पताल में स्थानांतरित करने के हालिया कदम को वापस ले लिया गया है। तत्काल प्रभाव से चमियाना सुविधा में आवश्यक सुधार किए जाने तक सभी ओपीडी सेवाएं आईजीएमसी शिमला में वापस आ जाएंगी।