शिमला 12 सितम्बर 2025 (RHNN) : हिमाचल प्रदेश इस बार भी प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। तेज बारिश और भूस्खलन से राज्य में तीन नेशनल हाईवे सहित 577 सड़कें बंद पड़ी हैं। नतीजतन सेब किसानों के लिए सेब मंडियों तक पहुँचना बड़ी चुनौती बन गया है। इस कठिन समय में जहाँ कई निजी कंपनियों ने खरीदी घटा दी है या रोक दी है, वहीं अदाणी एग्री फ्रेश लिमिटेड किसानों से लगातार खरीदी कर रहा है। अब तक कंपनी करीब 8000 टन सेब की खरीद कर चुकी है और किसानों को सुविधा देने के लिए अपने प्रोक्योरमेंट सेंटर्स 24 घंटे खुले रख रही है। कुछ स्थानीय किसानों ने बताया कि रामपुर, सैंज और रोहरू स्थित सेंटर में आधी रात को पहुँचने वाले किसानों से भी खरीदी की जा रही है।
पहले किसानों के लिए यह प्रक्रिया काफी जटिल हुआ करती थी। उन्हें प्रोक्योरमेंट सेंटर जाकर रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता था और फिर फसल बेचने के लिए कुछ दिन बाद की तारीख मिलती थी। प्रतिकूल मौसम में यह लंबी प्रक्रिया किसानों के लिए परेशानी का कारण बनती थी। लेकिन अब अदाणी ने किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया है। इस ऐप के माध्यम से किसान घर बैठे अपने नजदीकी सेंटर पर बुकिंग कर सकते हैं। बुकिंग के साथ ही उन्हें बिक्री की निर्धारित तारीख मिल जाती है, जिस दिन वे सीधे अपनी खेप लेकर पहुँच जाते हैं और तुरंत बिक्री कर पाते हैं। इस पहल ने किसानों को बड़ी राहत दी है और पूरी प्रक्रिया को बेहद आसान बना दिया है।
किसानों का मानना है कि हिमाचल प्रदेश में लगभग हर साल मानसून के दौरान ऐसी आपदाएँ आती हैं। इस बार भी बारिश से हालात काफी बिगड़ गए हैं जो अभी भी ठीक होते नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन कंपनी ने पहले से तैयारी की थी ताकि किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी प्रकार की परेशानी महसूस न करनी पड़े। रामपुर के किसान नरेश गुलेरिया ने बताया कि, “बरसात और भूस्खलन से सड़कें बंद हो गई थीं। कई कंपनियों ने सेब खरीदने से हाथ खींच लिए। लेकिन अदाणी एग्री फ्रेश का सेंटर खुला मिला और मुझे देर रात भी अपनी खेप बेचने का मौका मिला। इससे मेरे जैसे कई किसानों को लाभ हुआ है।”
शिमला के किसान प्रमोद नेगी ने कहा, “इस बार मौसम बहुत खराब रहा। हमने सोचा कि शायद हमें सही दाम नहीं मिल पाएंगे। लेकिन अदाणी ने बिना समय देखे खरीदी की और पेमेंट भी तय समय पर कर दिया। इससे हमें हिम्मत मिली कि हम अपनी बाकी फसल भी संभाल लेंगे।”
बता दें कि कंपनी ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए पिछले साल की तुलना में 12.5% अधिक कीमत ऑफर की है। कंपनी ने अपने शुरूआती रेट में 5 रुपये की बढ़ोतरी करते हुए 90 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया है।
हालाँकि, कुछ किसान यह भी मानते हैं कि केवल एक-दो कंपनियों पर निर्भरता लंबे समय में जोखिम पैदा कर सकती है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि राज्य सरकार और अन्य कंपनियों को भी ऐसी आपदा की स्थितियों में किसानों के लिए ठोस व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि सेब उत्पादकों को किसी एक विकल्प पर निर्भर न रहना पड़े।