शिमला-04 फरवरी (rhnn) : राज्य स्वास्थय समिति (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) अनुबंध कर्मचारी संघ हि.प्र.के प्रदेशाध्यक्ष सतीश कुमार ने शिमला में प्रेसवार्ता में बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत लगभग 1700 कर्मचारी पिछले 24 वर्षों से कार्य कर रहे हैं लेकिन आज तक किसी भी सरकार द्वारा इन कर्मचारियों के लिए नियमितिकरण की कोई स्थायी नीति नहीं बनाई गई है, ये कर्मचारी अकाउंटेंट,लैब तकनीशियन,एस टी एस,एस टी एल एस, फार्मासिस्ट,ए एन एम, कंसल्टेंट,डी पी सी,आयूष चिकित्सक,बी पी एम,चालक,स्टाफ नर्स,सी एच ओ, डी आर टी बी क्वाडिनेटर,डाटा एंट्री आपरेटर,आई इ.सी आफिसर,डैंटल मकैनिक ,डैंटल चिकित्सक आदि लगभग 54 कैटेगरी अपनी सेवाएं दे रहे हैं एवं शैक्षणिक एवं तकनीकी तौर पर पूरी तरह सक्षम होने के बाबजूद अपने भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हैं, उन्होंने बताया कि इन कर्मचारियों की बदौलत विभाग एवं प्रदेश सरकार बहुत बार राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत भी हो चुकी है, उन्होंने बताया कि क्षय रोगी उन्मूलन अभियान हो, स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के स्वास्थ्य चैक का जिम्मा हो , ये कर्मचारी अपना काम बखूबी निभा रहे हैं ,कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के समय इन कर्मचारियों ने चाहे टैस्टिंग का काम हो या वैक्शिनेशन का ,इन कर्मचारियों ने जान की परवाह किए बिना अपना बहुत ही महत्वपूर्ण रोल अदा किया है,उन्होंने बताया कि प्रदेश कार्यकारिणी चुनाव से पहले भी और सरकार बनने के उपरांत भी मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री को प्रभावी ढंग से अपनी मांग रख चुकी है, उन्होंने बताया कि पिछले कल भी प्रदेश कार्यकारिणी मुख्यमंत्री , स्वास्थ्य मंत्री एवं उधोग मंत्री को एक बार पुनः अपनी नियमतिकरण की मांग के लिए मिली है, जिसके लिए सरकार द्वारा संघ अतिशीघ्र इसे पूरा करने का आश्वासन दिया है, उन्होंने बताया कि कि जिला स्तर पर भी विधायकों के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा गया है, उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि इस बजट सत्र में इन कर्मचारियों के लिए अवश्य ही राहत प्रदान की जाए,उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत कर रहे इन कर्मचारियों में से लगभग चार कर्मचारियों कि नौकरी के दौरान मौत हो चुकी है तथा लगभग 50 कर्मचारी बिना किसी बैनेफिट के रिटायर हो चुके हैं, इसके साथ ही सरकार एवं विभाग इन कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति बनाने के अलावा अनुबंध पर भर्तियां कर रही है, हालांकि प्रदेश में ही इ गवर्नेंस,सवऺ शिक्षा अभियान एवं मनरेगा के तहत रखे कर्मचारियों के लिए स्थाई नीति का लाभ मिल चुका है,उन्होंने बताया कि इन कर्मचारियों के लिए सरकार पर कोई बड़ा वित्तीय बोझ सरकार पर नहीं पड़ेगा क्योंकि भारत सरकार इसमें 90% एवं प्रदेश सरकार 10% का हिस्सा देती है, उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय सुखविंद्र सिंह सुक्खू नायक फिल्म के मुख्यमंत्री की भांति बहुत ही जबरदस्त निणऺय ले रहे हैं ,ओ पी एस बहाली जैसा बहुत ही बड़ा निणऺय सरकार ने पहली ही कैबिनेट में ले लिया है, उन्होंने बताया कि संघ को पूर्ण विश्वास है कि सरकार 24 वर्षों से अनुबंध पर कार्य कर रहे इन कर्मचारियों के लिए इस अनुबंध प्रथा को समाप्त कर अतिशीघ्र नियमित कर राष्ट्रीय स्तर पर भी मणिपुर सरकार की भांति नियमित कर सराहनीय कदम उठाएगी,इस मौके पर संघ के प्रदेश प्रेस सचिव राज महाजन, जिला शिमला अध्यक्ष अमन मखैक विशेष तौर पर उपस्थित रहे
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