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IGMC शिमला की कैंटीन में लगी आग की घटना की हो न्यायिक जांच : संजय चौहान

शिमला‌-29 अप्रैल (rhnn) : माकपा ने आईजीएमसी शिमला के नए ओपीडी ब्लॉक की ऊपरी मंजिल में बनाई गईं कैंटीन में आग लगने की घटना तथा इस कैंटीन को प्रशासन द्वारा बिना किसी कानूनी टेंडर प्रक्रिया को पूरा किए बिना आवंटन में हुए भ्रष्टाचार को लेकर न्यायिक जांच की मांग की है। उसने कहा कि जो भी इस भ्रष्टाचार में संलिप्त है व दोषी साबित होगा, उसके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। इस घटना जो भी नुकसान हुआ है, उसकी सारी भरपाई दोषियों से करने की मांग की जाए।
माकपा के जिला सचिव संजय चौहान ने कहा कि प्रारंभिक आंकलन के अनुसार अभी तक करीब 60 लाख रुपए का नुकसान आंका गया है। उन्होंने कहा कि जिस रूप में यह आगजनी हुई है उससे अन्तिम अनुमान मे यह करोड़ों रुपए का नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि अब नई ओपीडी ब्लॉक में ओपीडी बंद कर दी गई है, जिससे मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी मे हुई इस आगजनी ने सरकार व प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली की पोल खोल कर रख दी है। पहले पूर्व की बीजेपी सरकार ने इस भवन के अधूरे कार्य का ही जल्दबाजी में उद्धघाटन कर दिया। आज तक न तो इसमें उचित अग्निशमन यंत्रों की व्यवस्था की गई है और न ही अग्निशमन विभाग से इस प्रकार के भवनों के लिए कानूनी रूप से आवश्यक अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त की है, जोकि प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही उजागर करता है। इसके साथ ही आईजीएमसी प्रशासन ने तो भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर पहले तो इस कैंटीन के लिए फर्नीचर व साज सज्जा पर अनावश्यक ही सरकार के खजाने से लाखों रुपए खर्च कर दिए तथा इसके पश्चात बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के ही गैर कानूनी तरीके से अपने चहेते को चलाने को दे दिया।

चौहान ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से प्रशासन द्वारा किए गए भ्रष्ट आचरण को दर्शाता है तथा इसकी निष्पक्ष जांच कर सचाई जनता के समक्ष आनी चाहिए तथा दोषियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी की जानी चाहिए। इससे आईजीएमसी के तत्कालीन प्रशासन की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है। हैरत की बात तो ये है कि नई सरकार बनने के बाद इस अधूरे भवन का प्रशासन ने मुख्यमंत्री से फिर से इसका उद्धघाटन करवा दिया। उन्होंने कहा कि जिस रूप में यह आगजनी सुबह के समय हुई और इसे अग्निशमन विभाग ने काबू कर दिया फिर भी इतना बड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि यदि यह आगजनी यदि रात के समय होती तो अग्निशमन की इस नए ब्लॉक में उचित व्यवस्था के अभाव में पूरे भवन को क्षति पहुंच सकती थी और करोड़ों रुपए का नुक़सान हो जाता तथा मरीज़ इस सुविधा से वंचित हो जाते। उन्होंने कहा कि अभी भी प्रशासन द्वारा इस भवन को आगजनी से क्षति के चलते बंद कर दिया है तथा पुरानी ओपीडी भवन में ही ओपीडी लगा दी गई है और इससे मरीजों को बेहद परेशानी हो रही है। चौहान ने कहा कि उनकी पार्टी मांग करती है कि सरकार इसकी न्यायिक जांच के आदेश तुरन्त जारी कर इसकी निष्पक्ष जांच करवाए तथा इस भवन में आगजनी से हुईं क्षति की तुरन्त मुरम्मत कर इस ओपीडी ब्लॉक को तुरन्त आरम्भ किया जाए ताकि जनता को असुविधा न हो।

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