शिमला-06 जून (rhnn) : प्रदेश का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान IGMC अक्सर सुर्खियों में रहता है। इस बार स्वास्थ्य कारण से नहीं बल्कि मरीज की फाइल से है। जहां अस्पताल में भर्ती एक मरीज की फाइल ही गुम हो गई। जानकारी के मुताबिक महिला को सोमवार शाम आपातकालीन वार्ड में दाखिल करवाया गया था। अगले दिन, यानी मंगलवार को मरीज की फाइल ही गायब हो गई। सिरमौर जिले की रहने वाली 73 वर्षीय महिला दिपो देवी को नाहन मैडिकल कॉलेज से आईजीएमसी शिमला मेडिकल कॉलेज नाहन के लिए रेफर किया गया था। भर्ती करने के लिए नर्स ने अपने रजिस्टर में उनका नाम दर्ज किया और केस डॉक्टर के पास गया। डॉक्टरों ने पर्ची पर उनकी सारी हिस्ट्री लिखी और टैस्ट करवाने के लिए कहा। तीमारदार ने रात को मरीज के सारे टैस्ट करवाए, लेकिन मंगलवार सुबह 11 बजे डॉक्टर तीमारदार से कहने लगे की मरीज की फाइल गायब हो गई है। इसलिए दोबारा से अब टैस्ट करवाओ, लेकिन तीमारदार ने इसका विरोध किया।
मरीज के साथ आए तीमारदार का आरोप है कि जब रात को मरीज के सारे टैस्ट करवाए गए हैं और मरीज को बैड पर भर्ती भी कर लिया गया तो अब दोबारा से टैस्ट क्यों करवाएं। उन्होंने कहा कि क्या डॉक्टरों की यह जिम्मेदारी नहीं है कि जब तक उनके पास मरीज की फाइल है तो उसे संभाल कर रखें। तमीरदार ने आरोप लगाया कि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से जब ये सवाल किया गया तो उन्होंने उसे सीएमओ के पास जाकर बात करने को कहा और फिर तीमारदार सीएमओ के पास गए और उनसे मामले को लेकर जांच की मांग की। इसके बाद वह डिप्टी एमएस के पास गए और उनके पास लिखित में शिकायत दी। डिप्टी एमएस प्रवीण एस भाटिया ने तुरंत संबंधित एचओडी को एक पत्र लिखकर जांच करने के निर्देश दिए और उनसे जवाब मांगा है। डिप्टी एमएस ने कहा कि मरीजों के साथ इस तरह की लापरवाही बिलकुल भी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने तीमारदारों को भरोसा दिलाया कि इस मामले को लेकर जांच की जाएगी। इस दौरान पूरे दिन मरीज को उपचार नहीं मिला। बाद में तीमारदार ने अल्ट्रासाउंड व कुछ अन्य टैस्ट करवाए गए। इस मामले को लेकर तीमारदार ने मुख्यमंत्री सहित स्वास्थ्य मंत्री से भी जांच करने की मांग की है।