शिमला की सभी स्थानीय यूनियनों ने बैठक की और यह निर्णय लिया कि कल सुबह 10:00 बजे शिमला की सभी यूनियनों के सदस्य और आम जनता विरोध प्रदर्शन करेगी और उपायुक्त कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
शिमला टैक्सी ऑपरेटर ने कहा कि पिछले कल उपायुक्त कार्यालय में सिरमौर के लोगों द्वारा जो अराजकता का माहौल बनाने की कोशिश की गई और क्षेत्रवाद के नाम पर लोगों को आपस में लड़ाने की कोशिश की गई, जबकि यह एक व्यवसायिक लड़ाई है। इन लोगो ने स्थानीय मंत्री जी के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया और शिमला के लोगों को ललकार कर कहा की “शिमला है हम आपका नहीं किसी के बाप का”। जिससे कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह लोग शिमला पर अपना एकाधिकार जमाना चाहते हैं। इनके पिछले कल के व्यवहार से समस्त प्रदेश के टैक्सी चालक आहत है। जिन सिरमौर के लोगों ने यूनियन के 2 लोगों के ऊपर जानलेवा हमला किया था मंत्री जी के आदेशों के बावजूद अभी तक उन लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया है हमले में संलिप्त सभी गाड़ियां जब्त नहीं की गई है। जिसके प्रति स्थानीय जनता में प्रशासन के प्रति भी व्यापक रोष है। शिमला में 12 जिलों के हजारों व्यक्ति काम करते हैं और सबसे अधिक पर्यटक व्यवसाय को बदनाम इन कुछ सिरमौर के लोगों ने किया है जो ट्रैवल गाइड का काम कर रहे है और पर्यटको से मनमाना किराया वसूल रहे हैं 2 गुने और 3 गुने रेट पर पैकेज लगाते हैं जिससे पूरे प्रदेश की छवि खराब हो रही है। इन चंद लोगों की वजह से सिरमौर की छवि भी खराब हो रही है। इस बारे में एक उग्र रोष प्रदर्शन कल स्थानीय लोगों द्वारा किया जाएगा।
गौरतलब है कि शिमला में 16 जून को दो टैक्सी ऑपरेटर के बीच झगड़ा हुआ था। इनके बीच की लड़ाई अब सिरमौर और शिमला की टैक्सी यूनियन के बीच पहुंच गई। इसके बाद दोनों यूनियन के चालकों में कई बार खूनी संघर्ष और गाड़ियां तोड़ने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इस मामले में पुलिस ने दोनों ओर से क्रॉस FIR दर्ज कर रखी है। शिमला के SP संजय गांधी ने कहा है कि पुलिस ने दोनों और से क्रॉस FIR कर रखी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इसी तरह DC ने भी SDM की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित कर रखी है, जो लड़ाई के कारणों का पता लगाएगी। दोषियों के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश ने प्रदेश सरकार व जिला शिमला प्रशासन से शिमला शहर में देवभूमि व चूड़ेश्वर टैक्सी यूनियनों के मध्य चल रहे विवाद का तुरन्त समाधान करने की मांग की है। सीटू ने मांग की है कि कामकाजी जनता के आर्थिक हितों का ख्याल रखते हुए क्षेत्रवाद की राजनीति पर रोक लगाई जाए।