शिमला-18 अगस्त (rhnn) : हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से 10 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। लेकिन केंद्र सरकार से अभी तक अंतरिम राहत राशि जारी नहीं है। यह बात सीएम सुक्खू ने दिल्ली दौरे से पूर्व कही। उन्होंने कहा कि आपदा के समय पर अगर केंद्र सरकार राहत राशि प्रदान करती है तो अच्छा रहेगा लेकिन इस बीच सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भाजपा के सासंदों पर राजनीति न करने की हिदायत दी है। उन्होंने प्रदेश के चारों लोकसभा सांसदों पर जमकर बरसते हुए कहा कि अब तक उन्होंने न तो संसद में राज्य की आपदा को लेकर कोई बात कही और न ही केंद्र सरकार पर राज्य को अंतरिम राहत जारी करने के लिए दबाव बना पाए। वे केवल सत्ता सुख भोग रहे हैं। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में अब तक लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। अफसर दिन-रात पीड़ित परिवारों की मदद करने में जुटे हैं। सेना की मदद भी ली जा रही है। कांगड़ा के इंदौरा में 1000 से ज्यादा बाढ़ प्रभावितों को रेस्क्यू किया गया है।
केंद्र सरकार से अंतरिम राहत की पहली किस्त की जरूरत है। जिन लोगों के घर उजड़े हैं, उनकी मदद करना सरकार का दायित्व है। केंद्रीय टीम भी नुकसान का जायजा लेने प्रदेश में आ चुकी है। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में इतनी बड़ी आपदा आई है लेकिन चारों सांसद आपदा में भी राजनीति कर रहे हैं। संसद के सत्र में प्रदेश के सांसदों ने सदन में सरकार से सवाल तक नहीं पूछा कि राज्य को राहत राशि कब और कितनी दी जा रही है। बीजेपी सांसदों का डेपुटेशन पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात तक करने नहीं गया कि हिमाचल को जल्द अंतरिम राहत जारी की जाए।
पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा खुद मदद के लिए आगे आए और प्रदेश में नुकसान के बारे में पूछा। राज्य के सांसद सिर्फ सत्ता सुख भोग रहे हैं। जिन लोगों ने उन्हें चुना, उनकी उन्हें कोई परवाह नहीं है। राज्य आपदा घोषित होने के बाद प्रदेश में राहत एवं बचाव कार्य में तेजी आ सकेगी। सरकार ज्यादा फोकस के साथ तबाह हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर को दोबारा बनाने और प्रभावितों के राहत एवं पुनर्वास के लिए कार्य करेगी। इसके लिए सरकार को अतिरिक्त फंड का भी प्रावधान करना होगा। सीएम सुक्खू ने कहा कि वे दिल्ली में राज्य में आई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की अधिसूचना को जारी करवाएंगे।