शिमला-28 दिसंबर (rhnn) : केन्द्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित 33 आपदाओं में से 25 आपदाऐं हिमाचल प्रदेश में मौजूद हैं। राज्य भूकंप, भूस्खलन, बाढ़, हिमस्खलन और सूखे सहित विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के लिए संवेदनशील है। इनमें से भूकंप विशेष चिंता का विषय हैं। भूकंप जोखिम क्षेत्ररू राज्य का लगभग 32% भौगोलिक क्षेत्र अत्यधिक क्षति जोखिम क्षेत्र (जोन ट) में आता है, जबकि शेष क्षेत्र जोन प्ट में आता है। यह वर्गीकरण भूकंप की संवेदनशीलता के विभिन्न स्तरों को इंगित करता है।
भूकंप के प्रति संवेदनशीलता को कम करने के लिए सुरक्षित निर्माण पद्धतियों को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। इस तरह की प्रथाएं न केवल आपदा के बाद होने वाली क्षति को कम करती हैं बल्कि मानव जीवन की भी रक्षा करती हैं। भूकंप की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती, इसलिए भूकंप प्रतिरोधी भवन प्रथाओं के माध्यम से तैयारी महत्वपूर्ण है।पहाड़ी राज्य में सुरक्षित निर्माण प्रथाओं की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए, सेवानिवृत्त तकनीकी विशेषज्ञों का एक मजबूत पूल (Pool) किया जा रहा हैै। यह (Pool) सुरक्षित निर्माण प्रथाओं के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करने में सहायक होगा । जिसमें सेवानिवृत्त तकनीकी रूप से योग्य व्यक्तियों जैसे JE, AE, XEN, SE (Engineers) को शामिल किया गया है । जिन्होंने विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएँ प्रदान की हैं । इनकी सेवाओं का सीधा-सीधा लाभ शहरी/ग्रामीण स्तर पर जो व्यक्ति मकान बनाने चाहते हैं उठा पाएंगें।
अब तक 29 सिविल इंजीनियर राज्य में सुरक्षित निर्माण को बढ़ावा देने के लिए मकान बनाने वाले व्यक्ति को अपनी सेवाएं देने के लिए इच्छुक हैं। इन सिविल इंजीनियरों का विवरण राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वेबसाइट (Website) पर उपलब्ध है। जिसकीे जानकारी निम्नलिखित URL के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है https://hpsdma.nic.in/index1.aspx?lsid=91&lev=2&lid=91&langid=1 अतः इस सम्बन्ध में किया गया समझौता, घर बना रहे व्यक्ति व सेवा प्रदाता के बीच का आपसी समझोता माना जायेगा, जिसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।
इसके अतिरिक्त राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण राज्यभर में इच्छुक सेवानिवृत्त सिविल इंजीनियरों से अपनी जानकारी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण वेबसाइट पर उपलब्ध करवाने का आग्रह करता है। ताकि संभावित खतरों को कम करने के लिए तकनिकी व्यक्तियों की सहायता से सुरक्षित निर्माण कार्यो को बढ़ावा मिल सके।