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मुख्यमंत्री ने सरकाघाट में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया

शिमला 15 अगस्त 2025 (RHNN) : प्रदेश में 79वां स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर राज्य, जिला और उप-मंडल स्तर पर भव्य समारोह आयोजित किए गए। समारोह में मुख्यातिथियों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया तथा पुलिस, होमगार्ड, एनसीसी और आईटीबीपी की टुकड़ियों द्वारा मार्च पास्ट की सलामी ली गई। जिला मंडी के सरकाघाट में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और परेड का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने भारी बारिश के बीच पुलिस, होमगार्ड, एनसीसी, आईटीबीपी, उत्तराखंड पुलिस, तृतीय भारत रिजर्व बटालियन पंडोह, जिला मंडी पुलिस, यातायात पुलिस, पूर्व सैनिक लीग और होमगार्ड बैंड की टुकड़ियों के मार्च पास्ट की सलामी ली। उप-पुलिस अधीक्षक उमेश्वर राणा ने परेड का नेतृत्व किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव के कारण प्रदेश में आपदा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्ष, 2023 में प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश को 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। केंद्र सरकार द्वारा किए गए आकलन के बावजूद हिमाचल को दो वर्ष के उपरान्त क्षतिपूर्ति के रूप में मात्र 1,500 करोड़ रुपये ही मिले। उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्राकृतिक आपदाओं के कारण प्रदेश को भारी नुकसान हो रहा है। विशेषकर जिला मंडी में भारी बारिश के कारण काफी नुकसान हुआ है इसके बावजूद राज्य को अभी तक केंद्र से कोई वित्तीय सहायता प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को सहायता प्रदान के लिए राज्य सरकार अपने संसाधनों से 360.42 करोड़ रुपये वितरित कर चुकी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि केंद्र सरकार शीघ्र ही आपदा प्रभावित परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों को त्वरित राहत प्रदान करने के लिए अतिरिक्त 100 करोड़ रुपये जारी करने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त आपदा न्यूनीकरण और आजीविका की सुरक्षा के उद्देश्य से 3,000 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू करने की भी घोषणा की। इस वर्ष आपदाओं में जान गंवाने वाले 222 लोगों और सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र में मसेरन बस दुर्घटना के आठ मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार प्रत्येक प्रभावित परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने कहा कि विशेष राहत पैकेज के तहत पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए मुआवज़ा राशि को 1.3 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया है, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए मुआवजा राशि को 12,500 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कि जो मकान रहने लायक नहीं हैं उन्हें मुआवजा राशि के लिए पूरी तरह क्षतिग्रस्त माना जाएगा।

नशे की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार युवाओं को चिट्टे से बचाने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पीआईटी एनडीपीएस अधिनियम लागू किया है और ड्रग तस्करों की 42 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति ज़ब्त की है। राज्य सरकार ने पुलिस भर्ती में चिट्टा परीक्षण अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने एंटी चिट्टा वालंटियर योजना शुरू करने की भी घोषणा की। योजना के तहत स्वयंसेवकों को पुलिस और आम जनता के मध्य सेतु का काम करने के लिए तैयार किया जाएगा। युवा स्वयंसेवक चिट्टे की तस्करी को रोकने में मदद करने के साथ-साथ जागरूकता अभियानों और पुलिस को समय-समय पर गोपनीय जानकारी उपलब्ध करवाने में भी सहायता करेंगे। इससे ड्रग तस्करों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकेगी। इन स्वयंसेवकों के लिए प्रोत्साहन राशि का भी प्रावधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने नशा मुक्ति रोकथाम एवं पुनर्वास बोर्ड के गठन की भी घोषणा की। इस बोर्ड में गृह, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, शिक्षा, युवा सेवा एवं खेल, पंचायती राज और कारागार विभागों के विशेषज्ञों के साथ-साथ गैर-सरकारी संगठन और सोशल सांइटिस्ट को शामिल किया जाएगा। यह बोर्ड नशे पर अंकुश लगाने तथा नशे के चंगुल में फंसे युवाओं को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने की दिशा में काम करेगा। राज्य सरकार द्वारा नशे के चंगुल में फंसे युवाओं के कल्याण के लिए नशामुक्ति और पुनर्वास के लिए प्रभावी कार्य योजना तैयार की जाएगी। इसके लिए नीति आयोग, एम्स, पीजीआई और स्वास्थ्य विभाग मिलकर एक कार्य योजना तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि चिट्टे के समूल नाश के लिए गांवों और पंचायतों में एंटी ड्रग समितियों के गठन के निर्देश दिए गए हैं, जिनमें पंचायत सचिव, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एक पुलिस कांस्टेबल शामिल होंगे। पुलिस नशे से संबंधित जानकारी एकत्रित कर समिति के साथ साझा करेगी। पुलिस अधीक्षक और थाना प्रभारी द्वारा पंचायत स्तर पर कांस्टेबलों की नियुक्ति, नियमित बैठकें और मासिक रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजना सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह कार्य अविलम्ब आरम्भ किया जाएगा ताकि नशे के खिलाफ समय पर कार्रवाई कर इस लड़ाई में जीत हासिल की जा सकती है।

विधायक चंद्रशेखर, सुरेश कुमार, रंजीत राणा, दलीप ठाकुर, पूर्व मंत्री रंगीला राम राव और प्रकाश चौधरी, पूर्व मुख्य संसदीय सचिव सोहन लाल ठाकुर, कांगड़ा सहकारी प्राथमिक कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष राम चंद्र पठानिया, एपीएमसी मंडी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के संयोजक अतुल क्राहटा, हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के सदस्य विजय पाल सिंह, कांग्रेस नेता पवन ठाकुर, नरेश चौहान, जीवन ठाकुर और चंपा ठाकुर, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी, अन्य वरिष्ठ अधिकारी और कांग्रेस पदाधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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