शिमला 15 अगस्त 2025 (RHNN) : प्रदेश में 79वां स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को रोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। पिछले अढाई वर्षों के दौरान सरकारी क्षेत्र में 23,191 युवाओं को नौकरियां दी गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 5,452 शिक्षकों के पद भरे जा चुके हैं, जिनमें 1,788 जेबीटी, 759 व्यावसायिक शिक्षक, 650 पीजीटी, 599 टीजीटी (कला), 405 टीजीटी (नॉन-मेडिकल), 410 टीजीटी (मेडिकल), 205 शास्त्री, 175 भाषा अध्यापक और 458 ड्राइंग अध्यापक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आगामी समय में शिक्षा विभाग में 9,535 शिक्षकों के पद भरे जाएंगे। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में 51,425 युवाओं को रोजगार मिला हैं और अगले माह में 1,300 से अधिक युवाओं को पुलिस बल में भर्ती किया जाएगा। इसके अलावा पटवारी के 600 पद, जेबीटी के 600 पद, डॉक्टर के 200 पद और पंचायत सचिव के 300 पद भी भरे जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार लोगों को पारदर्शी शासन प्रदान कर रही है। गत अढ़ाई वर्षों के कार्यकाल के दौरान हर स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेहनती बच्चों को उनके परिश्रम का सुखद फल मिलना महत्वपूर्ण है। पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर नौकरियों को बेचा जा रहा था। इसे रोकने के लिए वर्तमान सरकार ने हिमाचल प्रदेश सबोर्डिनेट सर्विसिज सलेक्शन बोर्ड को भंग कर दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने कड़ा निर्णय लेते हुए भ्रष्टाचार के इस अड्डे को खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि इसके स्थान पर, राज्य सरकार ने राज्य चयन आयोग की स्थापना की है। आयोग द्वारा पारदर्शिता सुनिश्चित करते हुए कंप्यूटर आधारित परीक्षाओं का आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने मैरिट आधारित चयन को बढ़ावा देने के लिए एक और महत्त्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में अंतिम चयन केवल साक्षात्कार के अंकों के आधार पर किया जाता था, जबकि लिखित परीक्षा के अंक केवल परीक्षा उत्तीर्ण करने तक सीमित थे। इन्हें अन्तिम मैरिट में शामिल नहीं किया जाता था। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अब अंतिम मैरिट में लिखित परीक्षा और साक्षात्कार दोनों के अंक जोड़ने का निर्णय लिया है ताकि वास्तव में मेहनती परिक्षार्थियों को ही नौकरी मिले। उन्होंने कहा कि सरकार परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए गम्भीर प्रयास कर रही है। इसके दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है कि जो लोग नकल करेंगे या नकल करवाने में मदद करेंगे उन्हें तीन साल तक का कारावास होगा और इसके लिए सरकार अगले विधानसभा सत्र में विधेयक भी लाएगी।