शिमला-20 जून (rhnn) : राजधानी शिमला और इसके आसपास के क्षेत्रों में अब व्यवसायिक भवन 21 मीटर की ऊंचाई तक बन सकेंगे। भवन की ऊंचाई उसके सामने वाली सड़क की चौड़ाई पर निर्भर करेगी जितनी ज्यादा सड़क की चौड़ाई होगी । उतनी ज्यादा ऊंचे भवन बन सकेंगे। शहर में अभी तक व्यवसायिक भवन भी ढाई मंजिल से ज्यादा नहीं बन पा रहे थे। नए डपेल्पमेंट प्लान में इसका प्रावधान किया है ताकि होटल या अन्य कार्यों के लिए जो भवन बनाए जाते हैं। वह बहुंमजिला बन सके। इससे शहर में सैलानियों को अधिक संख्या में रहने के लिए जगह मिल सकेगी। साथ ही कारोबारी स्थल विकसित हो सकेंगे। राजधानी शिमला के आसपास के क्षेत्रों के लिए बनाए गए डवेल्पमेंट में इसका प्रावधान किया है। इसके तहत होटल का प्रोजेक्ट बनाने का सपना देख रहे निवेशकों को बड़ी राहत मिलेगी। वे अभी तक ढाई मंजिल से ज्यादा भवन नहीं बना पा रहे थे। इसके साथ ही वह लोग जो बहुमंजिला भवन बनाकर फ्लैट के रूप में उन्हें बेचना चाहते थे। वे भी अपने काम को आगे बढ़ा सकेंगे। लंबे समय से यह प्रस्ताव राज्य सरकार के विचाराधीन था। एनजीटी के आदेशों के चलते इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा रहा था। सोमवार को कैबिनेट की बैठक में जो प्रस्तुति दी गई है इसमें साफ है कि 21 मीटर की ऊंचाई तक व्यवसायिक भवनों का निर्माण किया जा सकेगा।
बता दें कि एनजीटी ने शिमला में डवेल्पमेंट प्लान न होने के कारण प्लानिंग एरिया में ढाई मंजिल से ज्यादा भवन निर्माण पर रोक लगा रखी है। इसे राज्य सरकार ने सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीमकोर्ट ने राज्य सरकार को अपने एरिया के डवेल्पमेंट प्लान को बनाकर के निर्देश दिए थे इसे लागू करने बनाकर लागू करने से पहले सुप्रीमकोर्ट की अनुमति ली जाएगी। इसके बाद इसे लागू किया जाएगा। बता दें कि शहर में 2017 से लेकर अभी तक ढाई मंजिल से ज्यादा भवनों का निर्माण नहीं हो सकता है। एनजीटी ने एक आदेशों में इससे ज्यादा भवन बनाने पर प्लानिंग एरिया में रोक लगा रखी है। प्लानिंग एरिया में शिमला शहर के अलावा उपनगर टूटू, मल्याणा, मशोबरा, घनाहटी. कुफरी, शोघी सहित कई क्षेत्र शामिल है।