काशी/शिमला-19 अक्टूबर (rhnn) : राष्ट्र के सक्षम और सशक्त नेतृत्व के आगे विश्व हमेशा झुकता है। आज यदि विश्व का कोई राष्ट्रध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पैर छूता है तो वह भारत को नमन करता है। राष्ट्र की शक्ति उसके नेतृत्व की शक्ति से जुड़ी है। सनातन भारत हमेशा से विश्व के लिए पथ प्रदर्शक रहा है और आगे भी रहेगा। विगत कुछ समय को छोड़ दें , खास तौर पर मध्यकाल को , तो भारत ने हमेशा अपनी इसी सनातन शक्ति से विश्व को दिशा दी है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने काशी विद्यापीठ में उक्त उद्गार व्यक्त किए। वह संस्कृति संसद 2023 के औपचारिक उद्घाटन और शुभंकर के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। अखिल भारतीय सन्त समिति, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् एवं श्रीकाशी विद्वत परिषद् के मार्गदर्शन में गंगा महासभा के द्वारा काशी में 2 से 5 नवम्बर तक संस्कृति संसद का आयोजन किया जा रहा है।
अपने अत्यंत सार गर्भित और गंभीर व्याख्यान में शुक्ल ने कहा कि काशी में संस्कृति संसद का आयोजन स्वयं में सिद्ध है। यह संसद अपने उद्देश्यों में निश्चित ही सफल होगी। इस आयोजन से विश्व को एक सन्देश मिलेगा। भारत अपने ज्ञान और कौशल के साथ आगे बढ़ रहा है और वैश्विक चुनौतियों का समाधान केवल भारत के ही पास है। काशी सनातन की राजधानी है और सनातन को कभी नष्ट नहीं किया जा सकता। ऐसे समय में जब विश्व दो युद्धों की विभीषिका देख रहा है, काशी से निकले संदेश से दुनिया को निश्चित रूप से एक नई दिशा मिलेगी। भारत की सनातन संस्कृति में ही विश्व का कल्याण निहित है, अब दुनिया भी इस तथ्य को समझने लगी है।