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सिलेक्शन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं, 7800 आउटसोर्स भर्तियों पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

शिमला-13 नवंबर (rhnn) : हिमाचल में हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब आउटसोर्स की तीन बड़ी भर्तियां फंस गई हैं। शिक्षा विभाग में प्री नर्सरी टीचर के 6000 से ज्यादा पद भरे जाने थे और अभी प्रक्रिया शुरू हो रही थी। एनटीटी की इस भर्ती का इंतजार प्रदेश में लंबे समय से हो रहा था। कैबिनेट ने इलेक्ट्रॉनिक्स डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन को भर्ती शुरू करने की अनुमति दे दी थी और कॉरपोरेशन ने प्रारंभिक शिक्षा विभाग से कुछ क्लेरिफिकेशन मांगी थी। इसी बीच हाई कोर्ट के फैसले में स्टे लग गया है। इसके अलावा नेशनल हैल्थ मिशन के लिए 1400 से ज्यादा पदों की भर्ती प्रक्रिया चल रही थी। इसमें कई कैटेगिरी के पद शामिल हैं। राज्य सरकार ने चमियाना सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और चंबा मेडिकल कालेज के लिए भी 400 से ज्यादा पद नर्सिंग स्टाफ के भरने की अनुमति दे दी थी। यह नियुक्ति भी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन के माध्यम से होनी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने आउटसोर्स भर्ती की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए 21 नवंबर को अगली सुनवाई तय की है और तब तक आउटसोर्स पर कोई भी भर्ती करने पर रोक लगा दी है।

इस फैसले पर राज्य सरकार के स्तर पर मंगलवार को सचिवालय में एक लंबी बैठक हुई। इसके बाद यह तय हुआ है कि पहले एडवोकेट जनरल से राय ली जाए। इसके बाद 16 तारीख को होने वाली कैबिनेट की बैठक में सरकार कोई निर्णय ले सकती है। स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन के पास अभी 35 आउटसोर्स कंपनियां इंपैनल हैं और इनके माध्यम से आउटसोर्स का स्टाफ लिया जाता है। हिमाचल हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान यह सवाल उठा था कि इन कंपनियों की ओर से की जा रही सिलेक्शन की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है। हाई कोर्ट पहले इस सिलेक्शन प्रक्रिया को पारदर्शी और भेदभावपूर्ण रहित बनाना चाहता है।

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